
पाकिस्तान से घुसपैठ होगी बंद, भारत ने सीमा पर लगाई अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा से आए दिन पाकिस्तानी घुसपैठिए घुसपैठ करते रहते हैं। भारत ने इससे निपटने के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च कर अत्याधुनिक निगरानी प्रणाली तैनात की है।
इसमें मानव-खोजी रडार, थर्मल इमेजिंग, हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे, फ्लडलाइट और सुरंगों का पता लगाने के लिए सिस्मिक सेंसर शामिल हैं।
कुछ प्रणालियों को कुछ जगहों पर तैनात भी कर दिया गया है, जबकि कुछ प्रणालियों का परीक्षण चल रहा है।
रिपोर्ट
कैमरों के साथ रडार से रखी जा रही निगरानी
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि मानव-खोजी रडार, कैमरे और कमांड-कंट्रोल सिस्टम के साथ मिलकर बहुत प्रभावी साबित हो रहे हैं। निगरानी के लिए माइक्रो-डॉप्लर रडार का उपयोग किया जा रहा है, जो हर वातावरण में काम करता है।
एक अधिकारी ने कहा, "धुंध भरे वातावरण और बारिश में कैमरे काम नहीं करते, लेकिन रडार एकदम सही संकेत देते हैं, जिन्हें कंट्रोल रूम में सॉफ्टवेयर द्वारा विश्लेषण कर घुसपैठियों की लोकेशन और गतिविधि का पता चलता है।"
बयान
सुरंगों का पता लगाएंगे सेंसर
एक अधिकारी ने कहा, "बाड़बंदी को मजबूत किया गया है। हर 270 मीटर पर फ्लडलाइट और वॉच-टॉवर हैं। नदी के किनारों पर भी बाड़ लगाई गई है। सुरंगों का पता लगाने के लिए उपकरण हैं, जो भूकंपीय तरंगों को जमीन के अंदर भेजते हैं। एक सॉफ्टवेयर इन तरंगों का विश्लेषण करता है। फिर सुरक्षाबल सुरंग का पता लगाने के लिए उस जगह को खोदते हैं। सांबा और कठुआ जैसे संवेदनशील क्षेत्रों का इसके जरिए भौतिक सत्यापन किया जा रहा है।"
प्रणाली
CIBMS परियोजना के तहत तेजी से काम कर रही सरकार
2016 के पठानकोट हमले के बाद सरकार ने कॉम्प्रिहेंसिव इंटीग्रेटेड बॉर्डर मैनेजमेंट सिस्टम (CIBMS) को तेजी से लागू किया है।
गृह मंत्रालय के अनुसार, भारत-पाकिस्तान सीमा पर 10 किलोमीटर और भारत-बांग्लादेश सीमा पर 61 किलोमीटर के 2 पायलट प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं।
CIBMS में थर्मल इमेजर, इन्फ्रा-रेड और लेजर आधारित अलार्म, हवाई निगरानी के लिए एयरोस्टेट, रडार, नदी वाली इलाकों के लिए सोनार सिस्टम, फाइबर-ऑप्टिक सेंसर और रियल-टाइम डेटा प्राप्त करने वाला कमांड-कंट्रोल सिस्टम शामिल हैं।
बांग्लादेश
बांग्लादेश सीमा पर भी बढ़ी निगरानी
भारत ने बांग्लादेश से सटी सीमा पर भी निगरानी बढ़ाई है।
असम के धुबरी जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर बॉर्डर इलेक्ट्रॉनिकली डोमिनेटेड क्यूआरटी इंटरसेप्शन तकनीक को शुरू किया गया है।
यह प्रणाली ब्रह्मपुत्र नदी के मुहाने पर 61 किलोमीटर के इलाके में काम कर रही है, जहां नदी की वजह से बाड़ लगाना मुश्किल है। खासतौर से बारिश की मौसम में यहां निगरानी करना चुनौतीपूर्ण हैं। यह प्रणाली घुसपैठ रोकने में प्रभावी साबित हुई है।