भूटान में भारतीय सेना का चीता हेलिकॉप्टर क्रैश, लेफ्टिनेंट कर्नल समेत दो की मौत
एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में भारतीय सेना के एक पायलट के मरने की खबर आ रही है। सेना के प्रवक्ता ने बयान जारी करते हुए भूटान में भारतीय सेना के एक चीता हेलीकॉप्टर के क्रैश होने की जानकारी दी है। दुर्घटना में हेलीकॉप्टर के दोनों पायलट मारे गए। इनमें एक पायलट भारतीय सेना जबकि दूसरा पायलट भूटानी सेना का था। विमान दुर्घटना की वजह अभी तक सामने नहीं आई है और जांच चल रही है।
भूटान में भारतीय सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश
भारतीय सेना के साथ ट्रेनिंग ले रहा था भूटानी पायलट
मरने वाले पायलटों में भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के एक अधिकारी शामिल हैं। जबकि भूटानी सेना का जो पायलट मारा गया, वह भारतीय सेना के साथ ट्रेनिंग ले रहा था। मामले पर विस्तृत जानकारी आना अभी बाकी है।
1 बजे टूटा हेलीकॉप्टर से संपर्क
भारतीय सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि हेलीकॉप्टर दोपहर एक बजे योंगफुला के नजदीक क्रैश हुआ। हेलीकॉप्टर अरुणाचल प्रदेश के खिरमू से योंगफुला जा रहा था और इस दौरान रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उन्होंने बताया कि 1 बजे के बाद हेलीकॉप्टर से रेडियो और विज्युल, हर तरीके का संपर्क टूट गया। इसके बाद सर्च अभियान चलाया गया और विमान का मलबा बरामद किया गया।
पुरानी तकनीक से उड़ान भरते हैं चीता हेलीकॉप्टर, कहा जाने लगा है 'डेथ ट्रैप'
बता दें कि चीता हेलीकॉप्टर को सेना में 1980 के दशक से इस्तेमाल किया जा रहा है और ये तभी की तकनीक से उड़ान भरता है। इस कारण चीता हेलीकॉप्टर अक्सर दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं और इसे 'डेथ ट्रैप' (मौत का जाल) भी कहा जाने लगा है। 1990 में भी इनका निर्माण बंद कर दिया गया था, लेकिन सेना के पास अभी भी करीब 170 चीता और चेतक हेलीकॉप्टर हैं, जो अपनी उम्र से ज्यादा सेवाएं दे रहे हैं।
बुधवार को दुर्घटनाग्रस्त हुआ था मिग-21 विमान
इससे पहले बुधवार को ही ग्वालियर में भारतीय वायु सेना का एक मिग-21 ट्रेनिंग विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। अच्छी बात ये रही कि इसमें दोनों पायलटों को कोई नुकसान नहीं हुआ और वो विमान के क्रैश होने से पहले इजेक्ट करने में सफल रहे। वायु सेना ने बयान जारी करते हुए बताया था कि विमान नियमित मिशन पर था और इसके तहत ग्वालियर वायु सेना अड्डे से उड़ान भरी थी।