चीन ने एक महीने में ही पाया डेल्टा वेरिएंट पर काबू, कोरोना मामले फिर से जीरो
क्या है खबर?
चीन ने एक महीने के अंदर ही कोरोना वायरस के अधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएंट पर काबू पा लिया है और देश में फिर से दैनिक मामले जीरो हो गए हैं।
इस बार भी चीनी प्रशासन ने मामलों को काबू में करने के लिए बेहद कड़े लॉकडाउन जैसे कदमों का उपयोग किया और 10 करोड़ से अधिक टेस्ट किए। ये कोरोना को काबू में करने के चीन के मॉडल की सबसे बड़ी चुनौती थी।
कोरोना क्लस्टर
20 जुलाई को पाया गया था डेल्टा का पहला मामला
चीन में डेल्टा वेरिएंट के इस क्लस्टर की शुरूआत 20 जुलाई को नानजिंग शहर के एयरपोर्ट के एक सफाई कर्मचारियों के संक्रमित पाए जाने के साथ हुई थी। ये मामला गैर-लैक्षणिक था, लेकिन अगले ही दिन एक दर्जन से अधिक अन्य लोग भी संक्रमित पाए गए।
जुलाई के आखिरी हफ्ते तक देश में दैनिक मामलों की संख्या लगभग 50 पहुंच गई थी, वहीं पहला मामला पाए जाने के तीन हफ्ते के अंदर ये आंकड़ा 100 को पार कर गया।
जानकारी
17 प्रांतों के 50 शहरों में फैला डेल्टा वेरिएंट
इन हफ्तों में डेल्टा वेरिएंट चीन के 17 प्रांतों के लगभग 50 शहरों में फैल गया और ये वुहान भी पहुंच गया जहां से कोरोना वायरस महामारी की शुरूआत हुई थी। ये क्लस्टर कोरोना नियंत्रण के चीनी मॉडल के लिए एक चुनौती बनकर उभरा था।
कंटेनमेंट के प्रयास
ऐसे चुनौतियों से पार पाने में कामयाब रहा चीनी मॉडल
कोरोना नियंत्रण का चीनी मॉडल इस चुनौती पर खरा उतरा और लगभग एक महीने के अंदर ही मामले एक बार फिर से जीरो हो गए हैं। इस दौरान चीन ने सबसे पहले बड़े पैमाने पर टेस्टिंग करना शुरू की और 10 करोड़ से अधिक टेस्ट किए गए। कई शहरों की पूरी आबादी का तो कई बार टेस्ट किया गया ताकि एक भी मामला पकड़ में आने से रह न जाए।
क्वारंटाइन के नियमों ने भी बड़ी भूमिका अदा की।
पाबंदियां
कई शहरों में लगाई गई लॉकडाउन जैसी कड़ी पाबंदियां
मामलों को काबू में करने के लिए चीन के कई शहरों में बेहद कड़ी पाबंदियां लगाई गईं। हॉटस्पॉट इलाकों में लोगों की आवाजाही बंद कर दी गई और स्कूल और काम पर लौटने से पहले होम आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया गया।
200 से अधिक इलाकों को उच्च या मध्यम खतरे की जगह घोषित कर दिया गया, वहीं राजधानी बीजिंग ने एक भी मामले वाले इलाकों से यातायात बंद कर दिया।
आखिरकार पाबंदियां प्रभावी साबित हुईं और मामले जीरो हो गए।
जानकारी
पाबंदियों से चीन को हुआ आर्थिक नुकसान
कड़ी पाबंदियों की मदद से चीन भले ही कोरोना पर काबू पाने में कामयाब रहा हो, लेकिन उसे इनसे आर्थिक नुकसान जरूर हुआ है। देश में जुलाई में खपत और उत्पादन कम हो गया और अगस्त में इसके और अधिक कम होने की आशंका है।
डेल्टा वेरिएंट
बेहद संक्रामक है डेल्टा वेरिएंट
पहली बार भारत में पाया गया डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) बेहद संक्रामक वेरिएंट है। इसे यूनाइटेड किंगडम में पाए गए अल्फा वेरिएंट से 60 प्रतिशत अधिक संक्रामक माना जा रहा है, जबकि अल्फा खुद मूल कोविड-19 वायरस से लगभग 50 प्रतिशत अधिक संक्रामक है।
भारत में आई कोरोना की बेहद भीषण दूसरी लहर के पीछे इसी का हाथ था। चीन के अलावा अन्य कोई देश इस वेरिएंट को काबू में नहीं कर पाया है।