दुनिया के 10 देशों से भारत आने वालों के लिए जरूरी होगी RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट
भारत में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप थमने के कगार पर है। हालांकि, केरल सहित कुछ राज्यों में फिर से मामले बढ़ रहे हैं। इसी बीच दक्षिण अफ्रीका में सामने आए वायरस के नए वेरिएंट C.1.2 ने सरकार की चिंता को बढ़ा दिया है। इसको देखते हुए सरकार ने यूनाइटडे किंगडम (UK), यूरोप और मध्य पूर्व के देशों के बाद अब सात अन्य देशों से भारत आने वालों के लिए RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य कर दी है।
सबसे पहले कहां मिला C.1.2 वेरिएंट?
C.1.2 वेरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका के म्पुमलंगा और गुआतेंग राज्य में सामने आया था। जून में दो अन्य राज्यों के साथ-साथ चीन और इंग्लैंड में भी इसके मामले सामने आए। कांगो, न्यूजीलैंड, मॉरिशस, पुर्तगाल और स्विट्जरलैंड में भी यह वेरिएंट पाया जा चुका है। यह वेरिएंट इसलिए भी वैज्ञानिकों का ध्यान आकर्षित कर रहा है क्योंकि यह तेजी से बदल रहा है और इसके जीनोम में जो म्यूटेशन हो रही हैं, वो डेल्टा समेत कई चिंताजनक स्ट्रेन्स जैसी हैं।
इस वेरिएंट की खास बात क्या है?
दक्षिण अफ्रीका में कोरोना की पहली लहर में C.1 वेरिएंट प्रमुखता से फैला था। C.1.2 में इसकी तुलना में काफी म्यूटेशन हुई है। इसमें जिस गति से म्यूटेशन हो रही है, वह इसे बाकी वेरिएंट्स की तुलना में अलग बनाता है। अध्ययनों से पता चला है कि हर साल C.1.2 में 41.8 म्यूटेशन हो रही हैं, जो मौजूदा वैश्विक रफ्तार से 1.7 गुना और महामारी फैलाने वाले SARS-CoV-2 के विकास के शुरुआती अनुमानों से 1.8 गुना अधिक हैं।
वैक्सीन सुरक्षा से बचने की भी है क्षमता?
स्पाइक प्रोटीन का उपयोग SARS-CoV-2 वायरस द्वारा मानव कोशिकाओं को संक्रमित करने और उनमें प्रवेश करने के लिए किया जाता है, और अधिकांश वैक्सीन इस क्षेत्र को लक्षित करती हैं। जिस तरह से N440K और Y449H वेरिएंट में वैक्सीन को धोखा देने की क्षमता सामने आई थी, वैसी ही क्षमता C.1.2 में भी देखने को मिली है। ऐसे में यह वेरिएंट वर्तमान में चिकित्सा विशेषज्ञ और वैज्ञानिकों के लिए सबसे बड़ी चिंता का कारण बना हुआ है।
भारत ने इन देशों के यात्रियों के लिए अनिवार्य की RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट
बता दें कि शुरुआत में भारत सरकार ने UK, यूरोप और मध्य पूर्व के देशों के लिए RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की थी, लेकिन नए वेरिएंट का प्रसार होने के बाद अब सरकार ने दक्षिण अफ्रीका, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन , मॉरीशस, न्यूजीलैंड और जिम्बाब्वे को भी इस सूची में शामिल कर दिया है। ऐसे में अब इन देशों से आने वाले यात्रियों को 72 घंटे पुरानी RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट साथ लानी होगी। इसके बिना उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
हवाई अड्डों पर भी की जाएगी कोरोना जांच
सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इन देशों से निगेटिव रिपोर्ट के साथ आने वाले यात्रियों की हवाई अड्डे पर भी कोरोना जांच की जाएगी। इसी तरह सरकार ने सभी राज्यों को जांच में संक्रमित मिलने वाले विदेशी यात्रियों की जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भी सैंपल भेजने के भी निर्देश दिए हैं। इससे पहले बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने शुक्रवार से हवाई अड्डे पर पहुंचने वाले विदेशी यात्रियों की जांच के आदेश दिए थे।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 47,092 नए मामले सामने आए और 509 मरीजों की मौत हुई। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,28,57,937 हो गई है। इनमें से 4,39,529 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या फिर से बढ़कर 3,89,583 पर पहुंच गई है। देश में कुछ हफ्तों से हालात बेहतर हुए हैं, लेकिन सरकार का कहना है कि दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है।