गलवान घाटी में भारत और चीन ने एक-दो किलोमीटर पीछे हटाईं अपनी सेनाएं- रिपोर्ट्स
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने गलवान घाटी में अपने सैनिकों को लगभग एक-दो किलोमीटर पीछे हटा लिया है। सैन्य बातचीत में बनी सहमति के तहत चीन ऐसा कर रहा है और भारत ने भी अपने सैनिकों को पीछे हटाया है। सूत्रों के अनुसार, चीन 15 जून की हिंसक झड़प वाली जगह से अपने टेंट और वाहनों को पीछे हटा रहा है और भारतीय सेना भी अपनी तरफ यही कर रही है।
गलवान घाटी में भारत के इलाके में आ गया था चीन
पूर्वी लद्दाख में स्थित गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पार कर भारत के इलाके में टेंट जमा लिए थे। 6 जून को सैन्य कमांडरों में हुई बातचीत में इन टेंटों को हटाने और सेनाओं को पीछे करने पर सहमति बनी। हालांकि जब चीन ने सहमति के तहत इन टेंट को नहीं हटाया तो 15 जून को भारतीय सैनिक इन्हें हटाने गए जिसके बाद हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए।
आपसी सहमति के तहत पीछे हटाई गईं सेनाएं
इस झड़प के कुछ दिन बाद चीन ने फिर से हिंसक झड़प वाली जगह पर अपने टेंट जमा लिए और इलाके में वाहनों और सैनिकों को इकट्ठा कर लिया। तभी से तनाव चरम पर बना हुआ है और दोनों देशों में कई बार सैन्य बातचीत हो चुकी है। 30 जून को हुई अंतिम सैन्य बातचीत में दोनों देशों में अपने-अपने सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमति बनी, जिस पर अब अमल किया गया है।
दोनों देशों के सैनिकों के बीच बनाया गया बफर जोन
'NDTV' के सूत्रों के अनुसार, इलाके में दोनों देशों के सैनिकों के बीच बफर जोन बना दिया गया है जहां किसी भी देश की सेनाएं उपस्थित नहीं होंगी। चीन के सेनाएं पीछे हटाने के बावजूद भारतीय सेनाएं चौंकन्नी बनी हुई हैं और पूरे मामले पर करीबी नजर रख रही हैं। भारतीय सैनिक खुद जाकर चीनी सैनिकों के पीछे हटने की पुष्टि कर चुके हैं। एक सूत्र ने कहा, "हमें देखना होगा कि क्या ये एक स्थायी और सच्चा डिसइंगेजमेंट है।"
इसलिए भारत ने भी पीछे हटाए अपने सैनिक
भारत के भी अपने सैनिकों को पीछे हटाने पर सूत्र ने कहा, "ये बिना क्षेत्रीय दावा छोड़े किया जा रहा है। इसका मकसद दोनों देशों की सेनाओं को एक निश्चित दूरी पर रखने और आगे तनाव कम करने के लिए आपसी विश्वास पैदा करना है।"
प्रधानमंत्री मोदी के लेह दौरे के बाद हुई गहन बातचीत- सूत्र
गौरतलब है कि चीन ने अपनी सेनाएं पीछे हटाने का ये फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लेह दौरे के बाद लिया है। शुक्रवार को लेह के निमू पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने सैनिकों को संबोधित करते हुए चीन को स्पष्ट संदेश दिया था कि भारत पीछे नहीं हटेगा। समाचार एजेंसी ANI के सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के बाद पिछले 48 घंटे में हुई गहन कूटनीतिक और सैन्य बातचीत का नतीजा है।
पेंगोंग झील के फिंगर्स एरिया में चीनी सैनिक अभी भी भारतीय इलाके में
चीन ने गलवान घाटी में अपने सैनिक भले ही पीछे हटा लिए हो, लेकिन पेंगोंग झील के पास फिंगर्स एरिया में उसके सैनिक अभी भी भारतीय इलाके में बने हुए हैं। फिंगर्स इलाके में स्थिति सबसे अधिक चिंताजनक है और यहां चीनी सैनिक फिंगर चार की चोटियों पर आकर बैठ गए हैं। चीन ने इलाके में भारी मात्रा में सैनिक तैनात कर रखे हैं और अपना सैन्य सामान भी जमा कर लिया है।
अन्य इलाकों में चीनी सेना के पीछे हटने पर भी भारत की नजर
हॉट स्पिंग्स, पेट्रोल पॉइंट 15 और देपसांग में चीन ने अपने सैनिक पीछे हटाए हैं या नहीं, इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है। सूत्रों के मुताबिक, भारत सभी जगहों पर चीनी सैनिकों के पीछे हटने पर निगरानी रख रहा है।