तेलंगाना: हाइड्रोइलेक्ट्रिक पॉवर स्टेशन आग में फंसे सभी नौ कर्मचारियों की मौत, शव बरामद
क्या है खबर?
तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम के एक हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट में गुरुवार देर रात लगी आग में फंसे सभी नौ कर्मचारियों की मौत हो गई है।
शुक्रवार को तीनों सहायक अभियंता सहित सभी नौ कर्मचारियों के शवों को बदामद कर लिया गया है।
इधर, तेलंगाना सरकार ने आग हादसे की CID जांच कराने के आदेश दिए हैं। CID के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गोविंद सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।
घटना
तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के साझा प्लांट में लगी थी आग
आगजनी की ये घटना तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सीमा के पास कृष्णा नदी पर बने श्रीसैलम हाइड्रोइलेक्ट्रिक बांध के श्रीसैलम लेफ्ट बैंक पॉवर स्टेशन (SLBP) में हुई।
गुरूवार रात करीब 10:30 बजे SLBP के एक इलेक्ट्रिक पैनल में आग लग गई है और जल्द ही इसने पूरे पॉवर स्टेशन को अपने कब्जे में ले लिया।
आग पर आग बुझाने के यंत्रों से भी नियंत्रण नहीं पाया जा सका और कर्मचारियों को यूनिट को अलग करना पड़ा।
मौत
इन कर्मचारियों की हुई हादसे में मौत
HT के अनुसार प्लांट में बरामद हुए सभी नौ शवों की पहचान हो गई है। इनमें तेलंगाना बिजली उत्पादन निगम के उप कार्यकारी अभियंता श्रीनिवास, सहायक अभियंता (AE) सुंदर नाईक, मोहन कुमार और फातिमा बेगम, जूनियर अभियंता सुषमा, वेंकट राव, किरण और रामबाबू और एक अन्य कर्मचारी शामिल है।
सभी के शव हाइडल पावर प्लांट की दूसरी और तीसरी मंजिल पर मिले हैं। आग का प्रारम्भिक कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है।
हालात
घटना के समय स्टेशन में थे 30 कर्मचारी, 15 आपातकालीन गेट से निकले
अधिकारियों ने बताया कि घटना के समय पॉवर स्टेशन में 30 कर्मचारी मौजूद थे। इनमें से 15 कर्मचारी आपातकालीन निकास द्वार से बाहर निकलने में कामयाब रहे, वहीं छह कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
हालांकि, नौ कर्मचारी अंदर फंसे रह गए थे। जिन्हें बचाने के लिए अभियान चलाया गया था, लेकिन सफलता नहीं मिली। दोपहर तक आग में फंसे सभी कर्मचारियों के शव बरामद कर लिए गए हैं।
जानकारी
इन कर्मचारियों का चल रहा है अस्पताल में उपचार
घटना के तुरंत बाद बचावकर्मियों ने डिप्टी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पवन कुमार, प्लांट जूनियर असिस्टेंट रामाकृष्णा, जूनियर इंजीनियर मथुरू, कृष्णा रेड्डी, वेंकटेश और ड्राइवर पलकानिया को बचा लिया था। उनका अस्पताल में उपचार चल रहा है। वर्तमान में वह खतरे से बाहर हैं।
बयान
अथक प्रयास के बाद भी नहीं मिली आग बुझाने में सफलता
आग लगने के दौरान प्लांट में मौजूद एक कर्मचारी ने बताया कि यूनिट 4 ,5 और 6 के करीब किसी एक पैनल में अचानक आग लगी थी। उस समय करीब 10 लोग काम कर रहे थे।
उन्होंने अग्निशमन यंत्रों से आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। पूरे क्षेत्र में धुआं फैल गया।
इससे आस-पास कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। इस दौरान वहां जो लोग उनके संपर्क में आए वह उन्हें अपने साथ बाहर ले आए।
जानकारी
यह सामने आ रहा है आग लगने का कारण
प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट के प्रत्येक टरबाइन में 150 मेगावाट बिजली पैदा करने की क्षमता है, लेकिन गुरुवार को बिजली उत्पादन में 180 मेगावाट तक की बढ़ोतरी हो गई। इससे शॉर्ट सर्किट हो गया और आग लग गई।
दुख
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने जताया घटना पर दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, 'श्रीशैलम जलविद्युत संयंत्र में आग की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरी संवेदना शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करता हूं।'
इसी तरह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, 'मैं श्रीशैलम पनबिजली संयंत्र में लगी आग से हुए जानमाल के नुकसान से आहत हूं। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदना शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ्य होने की उम्मीद करता हूं।'
शोक
मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने भी जताया शोक
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने घटना में हुई कर्मचारियों की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि आग में फंसे कर्मचारियों को जिंदा बचाने के लिए सभी प्रयास किए गए थे, लेकिन वह व्यर्थ साबित हुए। उन्होंने शोक संतृप्त परिवारों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की।
बिजली मंत्री जी जगदीश्वर रेड्डी ने कहा कि बिजली के पैनलों में शॉर्ट सर्किट से आग लगी और यह अन्य हिस्सों में फैल गई।