कम कोरोना वायरस टेस्ट को लेकर हाई कोर्ट की तेलंगाना सरकार को फटकारा, बढ़ाने का आदेश
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के कम टेस्ट करने के लिए तेलंगाना हाई कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि सरकार आर्थिक तंगी की आड़ में नहीं छिप सकती और कोरोना वायरस को नजरअंदाज करना ट्रोजन हॉर्स (मुसीबत को घर बुलाने) को आमंत्रण देने जैसा है।
कोर्ट ने सरकार से 1 मई से 25 मई तक राज्य में रोजाना हुई टेस्टिंग के आंकड़े देने को भी कहा है।
स्थिति
प्रति 10 लाख लोगों पर मात्र 545 लोगों के टेस्ट कर रहा तेलंगाना
गौरतलब है कि लगातार सवाल उठाए जाने के बावजूद तेलंगाना बेहद कम टेस्ट कर रहा है और विशेषज्ञों को डर है कि ये राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण को दावत देने के समान है।
राज्य में लगभग 24,443 टेस्ट हुए हैं और राज्य प्रति 10 लाख लोगों पर मात्र 545 टेस्ट कर रहा है। भारत में ये आंकड़ा प्रति 10 लाख पर लगभग 2,500 टेस्ट के बराबर है।
तेलंगाना का टेस्ट पॉजिटिविटी रेट भी राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
आशंका
तेलंगाना में कोरोना वायरस फैलने की आशंका
अगर किसी राज्य का टेस्ट पॉजिटिविटी रेट अधिक है और वहां होने वाले टेस्ट की संख्या कम, इसका मतलब है कि वहां कई पॉजिटिव मामले पहचान में नहीं आ रहे और वे अन्य लोगों में संक्रमण फैला सकते हैं।
इसी कारण विशेषज्ञ कह रहे हैं कि यही स्थिति जारी रही तो तेलंगाना में बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस फैल सकता है।
केंद्र सरकार भी इस मामले में तेलंगाना को पत्र लिख चुकी है, लेकिन इसके बावजूद उसने सुधार नहीं किया।
सुनवाई
आर्थिक तंगी नहीं हो सकते लोगों की जान न बचाने का कारण- कोर्ट
तेलंगाना के कम टेस्ट करने को लेकर तेलंगाना हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं और मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और न्यायाधीश बी विजय सेन रेड्डी की बेंच ने इन पर सुनवाई की।
अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में टेस्ट का उदाहरण देते हुए बेंच ने कहा, "अच्छे प्रशासन के लिए मानव जीवन सबसे महत्वपूर्ण है। महामारी से लोगों की जान बचाने में आर्थिक तंगी को रुकावट के तौर पर पेश नहीं किया जा सकता।"
प्रवासी मजदूर
सरकार से मांगे प्रवासी मजदूरों की टेस्टिंग के आंकड़े
राज्य सरकार को टेस्ट बढ़ाने का आदेश देते हुए हाई कोर्ट ने कहा, "'टेस्ट की संख्या बढ़ाइये और हमें विवरण दीजिए।" कोर्ट ने सरकार को बिना लक्षणों वाले लोगों और प्रवासी मजदूरों के टेस्ट करने का आदेश भी दिया है।
प्रवासी मजदूरों से संबंधित आंकड़े मांगते हुए कोर्ट ने कहा, "कितने प्रवासी वापस आए? उनमें से कितने पॉजिटिव पाए गए और कितनों का टेस्ट हुआ।"
कोर्ट ने निर्मल और सूर्यापत जिलों के आंकड़े विशेष तौर पर मांगे है।
आदेश
सरकार को शवों के भी टेस्ट करने का आदेश
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के 20 अप्रैल, 2020 के उस सर्कुलर को भी निरस्त कर दिया जिसमें शवों की टेस्टिंग न करने का आदेश दिया गया था।
राज्य सरकार को सभी शवों का टेस्ट करने का आदेश देते हुए बेंच ने कहा, "बिना तथ्यों को स्पष्ट किए आप स्थिति से कैसे निपटते हैं? अगर शव संक्रमित है तो उससे परिवार के लोगों में वायरस फैलने का खतरा रहता है।"
जानकारी
तेलंगाना में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
तेलंगाना में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 1,991 मामले सामने आए हैं। इनमें से 57 मरीजों की मौत हुई है, वहीं 1,284 ठीक होकर अपने घऱ जा चुके हैं। मामलों की कम संख्या का एक बड़ा कारण कम टेस्टिंग है।