NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / राजनीति की खबरें / नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास कर सकते हैं कांग्रेस शासित सभी राज्य
    अगली खबर
    नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास कर सकते हैं कांग्रेस शासित सभी राज्य

    नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास कर सकते हैं कांग्रेस शासित सभी राज्य

    लेखन प्रमोद कुमार
    Jan 20, 2020
    11:45 am

    क्या है खबर?

    नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई को एक कदम और आगे ले जाते हुए कांग्रेस ने कहा है कि उसकी सरकार वाले सारे राज्यों की विधानसभाएं इसके खिलाफ प्रस्ताव पास करेंगी।

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि पंजाब की राह पर चलते हुए राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकारें भी विधानसभा में CAA के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेगी ताकि केंद्र सरकार को इस पर विचार करने का कड़ा संदेश दिया जा सके।

    CAA का विरोध

    पंजाब विधानसभा ने शुक्रवार को पारित किया था प्रस्ताव

    पंजाब विधानसभा ने बीते शुक्रवार को CAA के खिलाफ प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित किया था। इसमें केंद्र सरकार से CAA वापस लेने की मांग की गई।

    पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस कानून को संविधान विरोधी और समाज को बांटने वाला बताया।

    विधानसभा में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने भी इस प्रस्ताव के समर्थन में वोट दिया।

    पंजाब CAA के खिलाफ प्रस्ताव पास करने वाला केरल के बाद दूसरा राज्य है।

    विरोध की वजह

    CAA के विरोध में कांग्रेस का तर्क क्या है?

    नागरिकता संशोधन कानून के तहत 31 दिसंबर, 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, पारसी, सिख, बौद्ध, जैन और ईसाई समुदाय के लोगों को आसानी से भारत की नागरिकता मिल सकेगी।

    मुसलमानों को इस कानून से बाहर रखा गया है। कांग्रेस समेत इसका विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि यह कानून धर्म के आधार पर भेदभाव करता है, जो भारत के संविधान के खिलाफ है। देशभर में इस कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं।

    सवाल

    क्या राज्यों के पास कानून लागू करने का विकल्प है?

    कांग्रेस की तरफ से मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा में CAA के खिलाफ प्रस्ताव पास करने की बात उस समय सामने आई है, जब पार्टी के दो बड़े नेता अपना संदेह जाहिर कर चुके हैं।

    दरअसल, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा था कि राज्य सरकारों के पास CAA को लागू करने के अलावा कोई चारा नहीं है।

    कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और जयराम रमेश ने उनके इस बयान का समर्थन किया था।

    सफाई

    बैकफुट पर आए कपिल सिब्बल ने दी सफाई

    कांग्रेस शुरू से ही CAA का विरोध करती आई है। पार्टी से अलग स्टैंड लेकर बैकफुट पर आए सिब्बल ने बयान पर सफाई दी।

    उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'मेरा मानना है कि CAA असंवैधानिक है। हर विधानसभा के पास यह संवैधानिक हक है कि वह प्रस्ताव पारित कर सकती है और इसे वापस लेने की मांग कर सकती है। यदि सुप्रीम कोर्ट कानून को संवैधानिक घोषित कर देती है तो उसका विरोध करना मुश्किल हो जाता है। लड़ाई जारी रहेगी।'

    कानूनी पक्ष

    कानून को चुनौती नहीं दे रही कांग्रेस

    हालांकि, कांग्रेस नागरिकता कानून के विरोध में है और उसकी सरकारें प्रस्ताव पास कर रही हैं, लेकिन वह इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं दे रही।

    पार्टी इस बात को लेकर निश्चिंत नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट में उसके पक्ष में फैसला आएगा, इसलिए उसने कांग्रेस शासित राज्यों की सरकारों को इसे चुनौती देने से रोका है।

    गौरतलब है कि कांग्रेस CAA के अलावा नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) और इसे NRC से जोड़ने का भी विरोध कर रही है।

    कानूनी दावपेंच

    अभिषेक मनु सिंघवी भी उतरे मैदान में

    कांग्रेस ने रविवार को अपने वरिष्ठ नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी को भी CAA के खिलाफ मैदान में उतार दिया।

    सिंघवी ने कहा कि उन राज्यों ने CAA को लागू करने की उम्मीद नहीं की जा सकती, जिन्होंने इसे चुनौती दी है या इसके खिलाफ प्रस्ताव पास किया है। इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगी।

    उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक भाजपा का यह कहना ठीक नहीं कि राज्य सरकारें केंद्र का सहयोग नहीं कर रही है।

    CAA का विरोध

    पंजाब और केरल में CAA के विरोध में प्रस्ताव पास

    जैसा हम आपको ऊपर बता चुके हैं कि केरल और पंजाब विधानसभा CAA के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुकी है, वहीं केरल ने इसे सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी है।

    केरल की चुनौती से पहले सुप्रीम कोर्ट में इस कानून के खिलाफ 60 याचिकाएं दायर हैं, जिन पर फैसला आना बाकी है।

    केरल ने इनसे अलग रास्ता चुनते हुए अनुच्छेद 131 के तहत इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

    जानकारी

    क्या है अनुच्छेद 131?

    संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत सुप्रीम कोर्ट के पास राज्य और केंद्र, केंद्र और राज्यों, और राज्यों और राज्यों के बीच के विवाद पर सुनवाई करने का हक है। इसी के तहत छत्तीसगढ़ ने NIA कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    छत्तीसगढ़
    मध्य प्रदेश
    भारतीय जनता पार्टी
    राजस्थान

    ताज़ा खबरें

    'हेरा फेरी 3' विवाद पर निर्देशक प्रियदर्शन बोले- एक दिन शूट करके गायब हुए परेश रावल  परेश रावल
    2025 येज्दी एडवेंचर 4 जून को होगी लॉन्च, जानिए क्या मिलेंगे बदलाव  येज्दी
    पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को मिली पदोन्नति, अब बने फील्ड मार्शल पाकिस्तान समाचार
    IPL 2025: MI बनाम DC मुकाबले की पिच रिपोर्ट, जानिए वानखेड़े क्रिकेट स्टेडियम के आंकड़े  IPL 2025

    छत्तीसगढ़

    वोट डालने से पहले भाजपा प्रत्याशी ने ईवीएम की पूजा कर नारियल फोड़ा, देखें वायरल वीडियो खालिदा ज़िया
    छत्तीसगढ़: नक्सलियों ने ठेकेदार की हत्या कर वाहनों को किया आग के हवाले देश
    छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव नतीजेः शुरूआती रूझानों में कांग्रेस को भारी बहुमत, भाजपा पिछड़ी खालिदा ज़िया
    विधानसभा चुनाव नतीजेः तीन राज्यों में बढ़त से कांग्रेस में जश्न, भाजपा को झटका अशोक गहलोत

    मध्य प्रदेश

    यहां लोग ही नहीं बल्कि भैंसे भी की जाती हैं किडनैप, वसूली जाती है फिरौती भारत की खबरें
    सर्दियों में घूमनें के लिए बेहतरीन हैं भारत की ये मशहूर झीलें भारत की खबरें
    महिला ने पति की हत्या कर स्लैब के नीचे दफनाया, महीने भर वहीं बनाती रही खाना हत्या
    खाता एक मालिक दो; एक पैसे डालता रहा, दूसरा मोदी जी ने भेजे समझकर निकालता रहा भारतीय स्टेट बैंक (SBI)

    भारतीय जनता पार्टी

    लोकसभा चुनाव: 347 सीटों के चुनाव नतीजों में विसंगतियों का आरोप, सुप्रीम कोर्ट में याचिका लोकसभा चुनाव 2019
    भाजपा के साथ आए NCP के अजित पवार; क्या टूट गई पार्टी और बिखर गया परिवार? महाराष्ट्र
    अजित पवार को अपने पाले में लाने में कैसे कामयाब हुई भाजपा? महाराष्ट्र
    कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस, अहमद पटेल बोले- महाराष्ट्र में संविधान की धज्जियां उड़ाई गईं महाराष्ट्र

    राजस्थान

    RSMSSB Recruitment 2019: 700 पदों पर निकली भर्ती, जानें विवरण शिक्षा
    फिर रुलायेंगे प्याज के दाम, 90 रुपये प्रति किलो तक पहुंची कीमतें कर्नाटक
    वन्यजीव फोटोग्राफी पसंद है तो भारत के इन छह सर्वश्रेष्ठ स्थानों की करें सैर भारत की खबरें
    RSMSSB Recruitment 2019: लाइब्रेरियन ग्रेड-III के पदों पर भर्ती के लिए शुरू हुई आवेदन प्रक्रिया शिक्षा
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025