किसान आंदोलन: आज अमित शाह से मिलेंगे किसान नेता, कल होनी है सरकार के साथ बैठक
नए कृषि कानूनों सहित अन्य मांगों को लेकर किसानों द्वारा मंगलवार को किए गए चार घंटे के 'भारत बंद' के खत्म होते ही बड़ी खबर सामने आई है। किसानों की सरकार के साथ बुधवार को होने वाले छठे दौर की वार्ता से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को किसान नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इसके लिए गृह मंत्रालय ने किसान नेताओं को शाम 7 बजे बैठक के लिए आमंत्रित किया है। इसमें कानूनों पर चर्चा होगी।
किसानों ने सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक किया था 'भारत बंद' का आह्वान
बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में सितंबर से आंदोलनरत किसानों ने मंगलवार सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक शांतिपूर्ण 'भारत बंद' का आह्वान किया था। इसमें किसानों को कांग्रेस सहित विभिन्न राजनीतिक दलों और कई ट्रांसपोर्ट यूनियनों का समर्थन मिला था। किसानों की मांग है कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले, जबकि सरकार उनमें संशोधन करने के लिए तैयार है। किसानों ने गत 25 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा जमा रखा है।
भारत बंद से इन सेवाओं पर पर पड़ा प्रभाव
लाखों ट्रक वालों का प्रतिनिधित्व करने वाली ट्रांसपोर्ट यूनियन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने किसानों के समर्थऩ में पूरे देश में अपना संचालन रोकने का ऐलान किया था। इससे सामानों की ढुलाई पर खास असर पड़ा। इसी तरह प्रयागजराज में समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने ट्रेन को रोक दिया। इसी तरह रेलवे के दो सबसे बड़े संगठनों AIRF और NRIF ने भी किसानों का समर्थन किया था। उन्होंने रैलियां निकालकर विरोध जताया।
बैठक में सकारात्मक नजीता निकलने की है उम्मीद- टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि गृह मंत्री की ओर से शाम 7 बजे बैठक के लिए बुलावा आया है। उन्होंने कहा कि अभी सभी किसान सिंघु बॉर्डर जा रहे हैं। उसके बाद गृह मंत्री से मुलाकात के लिए रवाना होंगे। इस बैठक में 14-15 किसान नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी मांगों पर टिके हैं। उम्मीद है कि इस बैठक में कुछ सकारात्मक नतीजा निकलेगा।
काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही गृह मंत्री से किसानों की बैठक
किसानों के साथ होने वाली गृह मंत्री की बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसका कारण यह है कि बुधवार को किसानों और सरकार के बीच छठे दौर की वार्ता निर्धारित है, जबकि किसान कानूनों को निरस्त कराने की अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। ऐसे में इस बैठक में गृह मंत्री किसानों को बीच का रास्ता निकालने के लिए तैयार कर सकते हैं। इधर, सरकार कानूनों में संशोधन के लिए तैयार नजर आ रही है।
किसान और सरकार के बीच अब तक बेनतीजा रही है सभी बैठक
सरकार और किसान नेताओं के बीच अब तक सभी पांच दौर की बैठक बेनतीजा रही है। किसानों ने सितंबर में हुई पहली बैठक को किसी भी मंत्री के नहीं होने के कारण छोड़ दिया था। गत 1 दिसंबर को हुई तीसरी बैठक में सरकार ने कानूनों पर चर्चा के लिए समिति का प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसानों ने ठुकरा दिया। उसके बाद 3 दिसंबर और 5 दिसंबर को हुई बैठक में भी कोई निर्णय नहीं निकला था।
किसानों ने ठुकरा दिया था गृह मंत्री का बुराड़ी आने का प्रस्ताव
गत 25 नवंबर को दिल्ली सीमा पर जमा हुए किसानों को गृहमंत्री ने बुराडी जाकर प्रदर्शन करने पर वार्ता करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन किसानों ने बुराडी को खुली जेल करार देते हुए उसे ठुकरा दिया था। उसके बाद से गतिरोध बना हुआ है।
राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले बैठक करेंगे विपक्षी दल- पवार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से होने वाली मुलाकात से पहले सभी विपक्षी दल आपस में बैठक करेंगे और किसान आंदोलन को लेकर एकजुट निर्णय करेंगे। इधर, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की और हरियाणा में जारी आंदोलन को पर गहनता से चर्चा की।
क्या है किसानों के विरोध का कारण?
सितंबर में लागू किए गए कृषि कानूनों को लेकर पिछले कई महीनों से विरोध कर रहे किसानों ने गत 25 नवंबर से अपने आंदोलन को तेज कर दिया। उन्होंने सरकार के खिलाफ 'दिल्ली चलो' मार्च का आह्वान किया था। किसानों को डर है कि APMC मंडियों के बाहर व्यापार की अनुमति देने वाले कानून मंडियों को कमजोर कर देंगे और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भी नहीं मिलेगा। इसके चलते कॉरपोरेट जगह के लोग किसानों का शोषण करेंगे।