अंतरराष्ट्रीय दबाव और भारत की एयर स्ट्राइक का डर, पाकिस्तान ने बंद किए 11 आंतकी कैंप
अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के दबाव और भारत की तरफ से कार्रवाई के डर के चलते पाकिस्तान ने PoK में चल रहे आतंकी कैंपों को बंद कर दिया है। पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में चल रहे आतंकी कैंपों पर एयर स्ट्राइक की थी। इसके अलावा भारत की तरफ संयुक्त राष्ट्र और दुनिया के सामने ऐसे सबूत रखे गए, जिनसे यह साफ जाहिर था कि पाकिस्तान की धरती पर चल रहे कैंपों से आतंकी आकर भारत में आतंक फैलाते हैं।
11 आतंकी कैंपों को किया गया बंद
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, भारत ने बताया था कि सीमापार मुजफ्फराबाद, कोटली और बरनाला में 11 आतंकी कैंप सक्रिय है। इनमें से पांच-पांच कैंप मुजफ्फराबाद और कोटली, वहीं एक कैंप बरनाला में स्थित था। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भी भारत की तरफ से पाकिस्तान पर लगातार आंतकी कैंपों को बंद करने का दबाव बनाया जा रहा था। इन कैंपों का इस्तेमाल भारत में आतंक फैलाने के लिए किया जाता था।
इन कैंपो को किया गया बंद
कोटली और निकियाल इलाके में लश्कर-ए-तैयब्बा के कैंपों, जैश-ए-मोहम्मद के पाला और बाग कैंप और हिज्बुल मुजाहिद्दीन का कोटली कैंप बंद किया गया है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, मुजफ्फराबाद और मीरपुर के नजदीक चल रहे कैंपों को बंद कर दिया गया है। बंद हुए कैंपों में से अधिकतर लश्कर-ए-तैयब्बा, हिज्बुल मुजाहिद्दीन और जैश-ए-मोहम्मद से संबंधित है। बता दें, फरवरी में पुलवामा हमले के बाद हुई एयर स्ट्राइक के बाद से पाकिस्तान की तरफ से घुसपैठ की कोशिशें कम हुई हैं।
दो महीनों से जारी है कार्रवाई
खुफिया जानकारी और टेक्निकल सर्विलांस से एजेंसियों ने पता लगाया है कि इन कैंपों को पीछे हटने या पूर्ण रूप से बंद करने के आदेश दिए गए हैं। पिछले दो महीने से यह कार्रवाई जारी है।
पहली बार इतने बड़े स्तर पर हुई कार्रवाई
संसद और मुंबई हमले के बाद भी दवाब बढ़ने के बाद पाकिस्तान ने ऐसी कार्रवाई की थी, लेकिन वह इतने बड़े स्तर पर नहीं हुई थी। केवल पंजाब प्रांत में चलने वाले आतंकी कैंपों पर कार्रवाई की गई थी, लेकिन इस बार अंतरराष्ट्रीय बिरादारी के दबाव और FATF से ब्लैकलिस्ट होने के डर से पाकिस्तान ने यह कदम उठाया है। इस बार आतंकी संगठनों के 800 से ज्यादा शिक्षण संस्थानों और अस्पतालों को इस कार्रवाई का सामना करना पड़ा है।
FATF में बने रहना पाकिस्तान के लिए जरूरी
पाकिस्तान को अगर अपनी अर्थव्यवस्था को बचाए रखना है तो उसे खुद को FATF में ब्लैकलिस्ट होने से बचाना होगा। अगर पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किया जाता है तो कोई भी देश या संस्थान पाकिस्तान में निवेश नहीं कर सकेगा।
पाकिस्तानी सेना ने की अपने बजट में कटौती
देश में गहरे आर्थिक संकट को देखते हुए पाकिस्तानी सेना ने खुद से ही अपने बजट में कटौती कर ली। सेना ने कहा है कि इससे देश की रक्षा करने की उनकी क्षमता में कोई कमी नहीं आएगी। 2018 में पाकिस्तान का कुल सैन्य खर्च 11.4 अरब डॉलर रहा था, जो उसकी GDP के 4 प्रतिशत के बराबर है। अगर भारत से इसकी तुलना करें तो 2018 में भारत का सैन्य खर्च लगभग 66.5 अरब डॉलर रहा था।
भारत के साथ बातचीत के लिए हाथ बढ़ा चुका है पाकिस्तान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर भारत के साथ बातचीत की इच्छा जताई है। उन्होंने पत्र में कहा कि इस्लामाबाद कश्मीर समेत सभी मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत का इच्छुक है। इससे पहले इमरान खान ने चुनावों में जीत हासिल करने के बाद मोदी को फोन कर बधाई थी। तब उन्होंने कहा था कि वह भारत के साथ मिलकर शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए अपने विजन को आगे बढाने के लिए तैयार हैं।