हरियाणा: हिंसाग्रस्त नूंह में 250 से अधिक झुग्गियों पर चला बुलडोजर, अवैध होने का दावा
हरियाणा सरकार ने हिंसा प्रभावित नूंह जिले में बड़ी कार्रवाई की है। शुक्रवार को जिले के तवाडू शहर में सरकारी जमीन पर रहने वाले अप्रवासियों की झुग्गी-झोपड़ियों को ढहा दिया गया। कथित तौर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आदेश पर यह कार्रवाई हुई। इसे नूंह हिंसा में शामिल दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई के रूप में भी देखा जा रहा है। इससे पहले सरकार और जिला प्रशासन ने आरोप लगाया था कि हिंसक झड़पों में अप्रवासी शामिल थे।
अप्रवासियों के असम से आने का दावा
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, असम से आए इन कथित अवैध प्रवासियों ने नूंह जिले के तावडू शहर के मोहम्मदपुर मार्ग के पास वार्ड नंबर एक में शहरी प्राधिकरण की जमीन पर अतिक्रमण किया था। कथित तौर पर पिछले 4 साल से अप्रवासी यहां रह रहे थे और उन्होंने करीब एक एकड़ जमीन पर अवैध रूप से 250 से अधिक झुग्गी झोपड़ियां बनाई हुई थीं, जिन्हें आज ध्वस्त कर दिया गया। इन्हें रोहिंग्या बताया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हुई बुलडोजर की कार्रवाई
नूंह में हिंसा भड़कने के बाद मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की तर्ज पर हरियाणा में भी दंगाइयों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई की जाएगी। इसी के चलते तवाडू में नूंह जिलाधिकारी संजीव कुमार और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया समेत कई अधिकारियों की मौजूदगी में बुलडोजर की कार्रवाई की गई। इसके साथ ही किसी गड़बड़ी और उपद्रव की ठीकआशंका के चलते मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात रहा।
गुरूग्राम समेत अन्य हिंसा प्रभावित जिलों में आज जुमे की नमाज पर रोक
नूंह हिंसा के बाद कई जिलों में सांप्रदायिक तनाव बना हुआ है। इसे देखते हुए हरियाणा पुलिस ने आज गुरूग्राम और अन्य हिंसा प्रभावित जिलों में लोगों से जुमे की नमाज घरों पर ही पढ़ने की अपील की है। इससे पहले देर रात नूंह जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) वरुण सिंघला का ट्रांसफर कर दिया गया। उन्हें अब भिवानी जिले का चार्ज दिया गया है। सिंघला की जगह अब SP नरेंद्र बिजारनिया को नूंह जिले की कमान सौंपी गई है।
सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 7 की मौत
हरियाणा के नूंह जिले से भड़की सांप्रदायिक हिंसा में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा निजी और सरकारी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा है। नूंह में धारा 144 के साथ कर्फ्यू लगा हुआ है। नूंह, मानेसर, सोहना, पटौदी और गुरूग्राम के इलाकों में इंटरनेट सेवा 5 अगस्त तक निलंबित है। मामले में अभी तक 93 FIR दर्ज की गई हैं, जबकि 176 लोगों को गिरफ्तार और 78 को हिरासत में लिया गया है।
हरियाणा में कैसे भड़की थी सांप्रदायिक हिंसा?
हिंदू संगठनों ने 31 जुलाई को नूंह जिले में ब्रजमंडल यात्रा निकाली थी। इसमें बजरंग दल के सदस्य और राजस्थान के जुनैद और नासिर को बोलेरो में जिंदा जलाने के आरोपी मोनू मानेसर को भी शामिल होना था। इससे नाराज स्थानीय लोगों ने यात्रा पर पथराव कर दिया, जिसके बाद नूंह में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई। इस हिंसा की आंच तेजी से गुरुग्राम और पलवल समेत हरियाणा के अन्य इलाकों में भी फैल गई।