हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों ने दिल्ली जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को किया जाम
क्या है खबर?
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसानों ने सूरजमुखी की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) न मिलने के विरोध में दिल्ली जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया है।
किसानों ने आज पिपली गांव में हुई महापंचायत के बाद राजमार्ग को जाम करने का फैसला लिया। महापंचायत के बाद सभी किसान यहां पुल और सर्विस रोड को बंद करके धरने पर बैठ गए।
इस महापंचायत के लिए कई राज्यों के किसान आज कुरुक्षेत्र पहुंचे हैं।
किसान
महापंचायत में राकेश टिकैत और पहलवान बजरंग पूनिया भी हुए शामिल
सोमवार को हरियाणा के अलावा पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के किसान नेता अपनी मांग को लेकर 'MSP दिलाओ, किसान बचाओ' महापंचायत के लिए पिपली अनाज मंडी में एकत्र हुए।
इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत और पहलवान बजरंग पूनिया ने भी हिस्सा लिया। बीते दिनों भी सरकार से MSP की मांग को लेकर वार्ता विफल होने के बाद किसानों ने दिल्ली जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया था।
बयान
टिकैत बोले- गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों को किया जाए रिहा
महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता टिकैत ने सरकार की किसान विरोधी नीतियों और किसान नेताओं पर पुलिस कार्रवाई की आलोचना की।
उन्होंने कहा, "किसानों ने MSP की मांग उठाई और उन्हें लाठियां मिलीं। सरकार MSP की घोषणा करती है, लेकिन घोषित रेट पर खरीद नहीं करती। MSP की गांरटी का कानून होना चाहिए।"
उन्होंने मांग की है कि सरकार MSP पर सूरजमुखी के बीज खरीदे और शाहाबाद में गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों को रिहा किया जाए।
घोषणा
राज्य सरकार ने किसानों को दी थी अंतरिम राहत राशि
10 जून को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भावांतर भरपाई योजना (BBY) के तहत 36,414 एकड़ में उगाई गई सूरजमुखी के लिए 8,528 किसानों को अंतरिम राहत राशि के तौर पर 29.13 करोड़ रुपये जारी किए थे।
राज्य सरकार ने इसी साल की शुरुआत में BBY में सूरजमुखी की फसल को शामिल करने की घोषणा की थी। योजना के तहत किसानों को MSP से नीचे बेची गई उपज के लिए एक निश्चित मुआवजे का भुगतान होता है।
सरकार
मुख्यमंत्री खट्टर ने किसानों से की थी अपील
मुख्यमंत्री खट्टर ने अंतरिम राहत की घोषणा करते हुए कहा था कि राज्य सरकार ने जब MSP पर बाजरा खरीदा तो पता चला कि दूसरे राज्यों के किसान भी राज्य की मंडियों में अपनी फसल बेच रहे हैं।
उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि वे उन लोगों के बहकावे में न आएं, जो उन्हें गुमराह करने की कोशिश करते हैं।
दरअसल, उन्होंने कुछ किसान संघों पर निशाना साधा था, जो कथित रूप से राजनीति करते हैं।
विरोध
अंतरिम राहत राशि से संतुष्ट नहीं हैं किसान
किसानों की मांग है कि हरियाणा सरकार सूरजमुखी को 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के MSP पर खरीदे, जबकि राज्य सरकार MSP से नीचे बिकने वाली सूरजमुखी की फसल के लिए BBY के तहत अंतरिम सहायता के रूप में 1,000 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है।
हरियाणा के किसान राज्य सरकार द्वारा दी गई इस अंतिरम राहत राशि से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। उन्होंने इस राशि को काफी कम बताया है।
गिरफ्तार
6 जून को पुलिस ने किसानों पर किया था लाठीचार्ज
6 जून को भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में किसानों ने शाहाबाद के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को 6 घंटे से अधिक समय तक जाम कर दिया था।
इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रीय राजमार्ग से तितर-बितर करने के लिए वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया और उन पर लाठीचार्ज किया।
इसके बाद पुलिस ने चढूनी सहित 9 किसान नेताओं को दंगा और गैरकानूनी सभा सहित विभिन्न आरोपों में गिरफ्तार कर लिया था।