मणिपुर: उपद्रवियों ने सुरक्षा बलों के शिविर पर किया हमला, भारी मात्रा में हथियार लूटे
क्या है खबर?
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच उपद्रवियों द्वारा एक बार फिर हथियार लूटने का मामला सामने आया है।
करीब 500 लोगों ने गुरुवार को बिष्णुपुर जिले के नारानसेना में स्थित इंडियन रिजर्व बटालियन (IRB) के एक शिविर पर हमला कर असॉल्ट राइफल, मोर्टार और गोला-बारूद समेत भारी मात्रा में हथियारों को लूट लिया।
अधिकारियों ने बताया कि यह सभी लोग करीब 40 वाहनों में सवार होकर हथियारों की लूटपाट करने आए थे।
लूट
लूटे गए हथियारों में असॉल्ट राइफल और LMG शामिल
लूटे गए हथियारों में असॉल्ट राइफल, पिस्तौल, मैगजीन, मोर्टार, डेटोनेटर, हैंड ग्रेनेड, कार्बाइन, लाइट मशीन गन (LMG) और 19,000 से अधिक राउंड गोला-बारूद शामिल हैं।
शिकायत के साथ लगाई एक सूची में एक AK सीरीज असॉल्ट राइफल, 25 इंसास राइफल, 4 घातक राइफल, 5 इंसास LMG, 5 MP-5 राइफल, 124 हैंड ग्रेनेड, 21 SMC कार्बाइन, 195 SLR, 16 9mm पिस्तौल, 134 डेटोनेटर, 23 GF राइफल और 81 51mm HE बम लूटे जाने की बात कही गई है।
शिकायत
भीड़ ने संतरी और क्वार्टर गार्ड को बनाया बंधक
IRB की दूसरी बटालियन के क्वार्टर मास्टर ओ प्रेमानंद सिंह ने घटना को लेकर मोइरांग पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई है।
उन्होंने शिकायत में बताया, "हमलावरों ने सुबह 9:45 बजे के आसपास शिविर के मुख्य द्वार पर मौजूद संतरी और क्वार्टर गार्ड को बंधक बना लिया था। इसके बाद उन्होंने उन्होंने बटालियन के शस्त्रागार के 2 दरवाजों को तोड़ दिया और भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और अन्य सामान लूट लिया।"
कार्रवाई
सुरक्षाबलों ने भीड़ पर दागे आंसू गैस के गोले
सिंह ने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 320 राउंड गोलियां और 20 आंसू गैस के गोले दागे गए थे, लेकिन इसके बावजूद उपद्रवी हथियार लूटने में कामयाब हो गए।
गौरतलब है कि सुरक्षा बलों ने गुरुवार को भी इम्फाल पूर्वी जिले के काबो लीकाई और खाबेइसोई इलाकों और सिंगजामेई पुलिस स्टेशन में मणिपुर राइफल्स बटालियन पर हमला करने की कोशिश कर रही भीड़ पर भी आंसू गैस के गोले दागे थे।
हथियार
हिंसा की शुरुआत से अब तक 4,000 हथियारों की लूट
3 मई को मणिपुर हिंसा की शुरुआत के बाद से उपद्रवी राज्य में अलग-अलग पुलिस स्टेशनों और शस्त्रागारों पर हमला कर करीब 4,000 हथियार और 5 लाख राउंड गोला-बारूद लूट चुके हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, पिछले महीने के अंत तक सुरक्षा बल छापेमारी के दौरान करीब 1,000 हथियार ही वापस बरामद कर पाए थे।
बता दें कि उपद्रवी लूटे हुए हथियारों का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाने के लिए कर रहे हैं।
तस्करी
म्यांमार से भी हुई है हथियारों की तस्करी
पिछले महीने खुफिया एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि मणिपुर हिंसा में इस्तेमाल हुए हथियारों की तस्करी म्यांमार के रास्ते की गई थी।
यह हथियार कथित तौर पर म्यांमार और चीन की सीमा के पास स्थित काले बाजार से खरीदे गए थे, जिन्हें बाद में मणिपुर भेज दिया गया।
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद असम राइफल्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है और भारत-म्यांमार सीमा पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है।