उदयपुर हत्याकांड: आरोपियों पर लगा UAPA, मुख्यमंत्री बोले- आतंक फैलाने के मकसद से की गई हत्या
राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी की नृशंस हत्या करके वीडियो बनाने वाले दोनों आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत केस दर्ज किया गया है। ये कानून बेहद सख्त है और इसका इस्तेमाल अधिकांश मौकों पर आतंक से संबंधित घटनाओं में होता है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोपियों पर UAPA लगाए जाने की सूचना देते हुए कहा कि प्रथमदृष्टया इस हत्या का मकसद आतंक फैलाना प्रतीत होता है।
दोनों आरोपियों के दूसरे देशों से भी संपर्क- गहलोत
घटना पर एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक करने के बाद गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा, 'उदयपुर की घटना पर आज उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रारम्भिक जांच में सामने आया कि घटना प्रथम दृष्टया आतंक फैलाने के उद्देश्य से की गई है। दोनों आरोपियों के दूसरे देशों में भी संपर्क होने की जानकारी सामने आई है।' उन्होंने कहा कि घटना की आगे की जांच NIA करेगी और राजस्थान ATS इसमें पूर्ण सहयोग करेगी।
सभी से शांति बनाए रखने की अपील, आरोपियों को पकड़ने वाले पुलिसकर्मियों का प्रमोशन
सभी से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए गहलोत ने पुलिस और प्रशासन को पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने और उपद्रव करने के प्रयासों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने आरोपियों को पकड़ने वाले पुलिसकर्मियों को आउट ऑफ टर्म प्रमोशन देने का ऐलान भी किया। इन पुलिसकर्मियों के नाम तेजपाल, नरेन्द्र, शौकत, विकास और गौतम हैं। गहलोत पीड़ित परिजनों को 31 लाख रुपये का मुआवजा और दो बच्चों को नौकरी का ऐलान भी कर चुके हैं।
उदयपुर में क्या हुआ था?
उदयुपर में मंगलवार को मोहम्मद रियाज अंसारी और गौस मोहम्मद नामक दो हमलावरों ने कन्हैयालाल तेली नामक दर्जी की गर्दन काटकर हत्या कर दी गई थी। हमलावर कपड़े सिलवाने के बहाने उसकी दुकान पर आए थे और यहीं वारदात को अंजाम दिया। उन्होंने दिल दहला देने वाली इस घटना का वीडियो भी बनाया। दोनों हमलावर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी करने वाली पूर्व भाजपा नेता नुपुर शर्मा का समर्थन करने के कारण दर्जी से नाराज थे।
आरोपियों का पाकिस्तानी कनेक्शन आया सामने
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, शुरुआती जांच में सामने आया है कि उदयपुर में हुई जघन्य घटना को अंजाम देने वाले हमलावरों के कराची स्थित सुन्नी इस्लामिक संगठन दावत-ए-इस्लामी से लिंक हैं। यह पाकिस्तान के कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से संबंधित हैं। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ से पता चला है कि दोनों आरोपी सुन्नी इस्लाम के सूफी-बरेलवी संप्रदाय से जुड़े हैं जिसके दावत-ए-इस्लामी के साथ करीबी संबंध हैं। यह संगठन पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून का समर्थन करता है।
गहलोत ने भी कही अंतरराष्ट्रीय लिंक की जांच की बात
गहलोत ने भी हत्या के पीछे अंतरराष्ट्रीय लिंक होने की आशंका जाहिर की है और इसकी जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) बनाई गई है। घटना के कारण राजस्थान में माहौल तनावपूर्ण है और इंटरनेट बंद कर दिया गया है।