UK से भारत आए कोरोना संक्रमितों में से आधों में मिल सकता है नया स्ट्रेन- विशेषज्ञ
क्या है खबर?
यूनाइटेड किंगडम (UK) में मिले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। सभी देश बचाव के लिए यात्रा प्रतिबंध सहित अन्य कदम उठा रहे हैं।
भारत ने भी UK से आने वाली उड़ानों पर 31 दिसंबर तक रोक लगा दी है, लेकिन अब तक UK से आए यात्रियों में से 20 में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
इसी बीच जीनोमिक विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आधे संक्रमितों में नया स्ट्रेन हो सकता है।
प्रकरण
UK में मिला कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन
गत दिनों UK में कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। इसके कारण लोगों में काफी तेजी से संक्रमण फैल रहा है। इस स्ट्रेन ने पूरी दुनिया को चिंतित कर दिया है।
UK के चिकित्सा अधिकारियों का कहना है कि वायरस का नया स्ट्रेन पहले की तुलना में 70 प्रतिशत से अधिक संक्रामक है।
विशेषज्ञों का तर्क है कि नए स्ट्रेन की पूरी जानकारी हासिल करने के लिए अभी इस पर और अधिक अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है।
बयान
आधे संक्रमितों में हो सकता है कोरोना का नया स्ट्रेन- मिश्रा
हैदराबाद स्थित सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB) के निदेशक डॉ राकेश मिश्रा ने इंडिया टुडे को बताया, "हम जानते हैं कि UK से आए यात्रियों में से 20 के संक्रमण की पुष्टि हुई है। वर्तमान में ब्रिटेन में 60 प्रतिशत संक्रमितों में यह स्ट्रेन मिल रहा है। ऐसे में संभावना है कि इनमें से आधों में नया स्ट्रेन हो।"
उन्होंने आगे कहा, "यह भी हो सकता है कि वह जिस शहर में जाएंगे, वहां उस स्ट्रेन का पता नहीं लगे।"
मजबूरी
"महीनों पहले आने वालों के टेस्ट की नहीं है जरूरत"
डॉ मिश्रा ने कहा, "अब UK से आने वाले संक्रमितों को अलग रखा जा रहा है, लेकिन महीनों पहले आने वालों का अब टेस्ट करने की कोई जरूरत नहीं है। वो पहले लोगों के संपर्क में आ चुके हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हमें कुछ सप्ताह पहले आए लोगों को ट्रैक करने की जरूरत है। इसी तरह ताजा संक्रमणों को जीनोम अनुक्रमित किया जाना चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह पहले इस स्ट्रेन के करीब थे या नहीं।"
मतलब
SARS-COV-2 के म्यूटेशन का क्या अर्थ है?
डॉ मिश्रा ने कहा, "सभी वायरस म्यूटेट होते हैं। वायरस इसे तेजी से करते हैं क्योंकि वे अपने विकास में त्रुटि सुधार नहीं करते हैं। उनके RNA की प्रतिकृति या प्रतिलिपि बनाने के दौरान जो भी त्रुटि उनके तंत्र में होती है, वह रहती है। ऐसे में वह तेजी से म्यूटेट करते हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हमारे पास इन्फ्लूएंजा के खिलाफ कोई वैक्सीन नहीं है। वह वायरस हर साल इतना बदल जाता है कि वैक्सीन अप्रभावी हो जाती है।"
जानकारी
"नया स्ट्रेन मानव कोशिकाओं से जुड़ने में है अधिक सक्षम"
डॉ मिश्रा ने कहा, "नया स्ट्रेन मानव कोशिकाओं को खोजकर उनसे जुड़ने में अधिक सक्षम है। यही कारण है कि वह तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है। ऐसे में इसके SARS-COV-2 के मौजूदा स्ट्रेन से 70 प्रतिशत अधिक संक्रामक होने की संभावना है।"
चिंता
नया स्ट्रेन बन सकता है गंभीर चिंता का कारण- मिश्रा
डॉ मिश्रा ने कहा कि नया स्ट्रेन यदि बड़ी संख्या में लोगों में पहुंच गया तो उपचार और सावधानियां समान होने के बाद भी यह चिंता का कारण होगा। इससे अस्पतालों में भीड़ बढ़ सकती है।
उन्होंने आगे कहा, "इस बिंदु पर हम भाग्यशाली हैं कि हमें पता चला गया कि वायरस का एक और स्ट्रेन उभरा है। यदि यह देश में कहीं है तो हमें इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने चाहिए।"
टेस्ट
क्या RT-PCR टेस्ट से लगाया जा सकता है नए स्ट्रेन का पता?
डॉ मिश्रा ने कहा कि रैपिट एंटीजन टेस्ट में आधे संक्रमितों का ही पता लगाया जा सकता है। इसी तरह वायरस के कुछ स्ट्रेन RT-PCR टेस्ट में भी पकड़ में नहीं आते हैं, लेकिन कोरोना का यह नया स्ट्रेन RT-PCR टेस्ट से पकड़ा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि जीनोम अनुक्रमण बहुत अधिक आवयक है। इससे वायरस के म्यूटेशन का पता लगाया जा सकता है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय को भारत में अधिक जीनोम अनुक्रमण करने की सलाह दी है।
वैक्सीन
वायरस के म्यूटेशन के वैक्सीन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
डॉ मिश्रा ने कहा कि वर्तमान में कोरोना वायरस के खिलाफ कई वैक्सीन तैयार की जा रही है। ऐसे में वायरस के म्यूटेशन से वैक्सीन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि mRNA तकनीक पर मॉडर्ना और फाइजर द्वारा बनाई गई वैक्सीन प्रोटीन को लक्षित करती है। इसी तरह नया स्ट्रेन भी प्रोटीन को लक्षित कर रहा है। ऐसे में इन वैक्सीनों से पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडी का निर्माण होता है। ऐसे में यह कारगर होगी।
जानकारी
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में बीते दिन 23,950 नए मामले सामने आए और 333 मरीजों की मौत हुई। देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,00,99,066 हो गई है। इनमें से अब तक 1,46,444 की मौत हुई है और सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 2,89,240 पर आ गई है।