केंद्र ने राज्यों को 1 दिसंबर या उससे पहले मेडिकल कॉलेजों को खोलने को कहा
कोरोना वायरस महामारी के कारण लंबे समय से बंद चल रहे देश के मेडिकल कॉलेजों को जल्द ही फिर से खोला जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को आगामी 1 दिसंबर या उससे पहले मेडिकल कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है। हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने सरकारों को कॉलेजों खोलने से पहले कोरोना महामारी से संबंधित सभी दिशा-निर्देशों का पालन करने को भी कहा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने भेजा सभी राज्यों को पत्र
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की ओर से बुधवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि उनकी ओर से सभी मेडिकल कॉलेजों को खोलने के लिए 1 दिसंबर या उससे पहले आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं। इसके अलावा उन्होंने स्नातक प्रशिक्षण की सुविधा के लिए संबद्ध मेडिकल कॉलेज-अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में गैर-कोरोना बेड भी उपलब्ध कराने का सुझाव दिया है।
मेडिकल कॉलेजों को खोलने के लिए गृह मंत्रालय से मिली सहमति
स्वास्थ्य सचिव भूषण ने पत्र में लिखा है कि नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने गत दिनों मेडिकल कॉलेजों को फिर से खोलने की मांग की थी। इसके बाद मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को इस संबंध में चर्चा की गई थी और वहां से अनुमति मिल गई है। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों में मेडिकल कॉलेजों को फिर से खोलने से पहले कोरोना महामारी से संबंधित सभी आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा और सभी कॉलेजों को सैनिटाइज करना होगा।
मेडिकल कॉलेजों में चल रही है ऑनलाइन पढ़ाई
कोरोना महामारी के चलते मार्च में बंद हुए मेडिकल कॉलेजों में ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं। ऐसे में थ्योरी की पढ़ाई तो करीब-करीब पूरी हो गई हैं, लेकिन नियमों के तहत जो प्रयोगात्मक और क्लीनिकल पढ़ाई होनी है, वह नहीं हो पा रही है।
NMC ने बताई यह मजबूरी
NMC के अधिकारियों ने बताया कि इंटर्न्स (2020) के वर्तमान बैच ने आवश्यक नैदानिक प्रशिक्षण को पूरा नहीं किया है। ऐसे में इसको पूरा किए बिना वह PG-NEET परीक्षा में बैठने के पात्र नहीं होंगे। इसी तरह प्रशिक्षण के पूरा नहीं होने से शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए PG-NEET परीक्षा में भी देरी होगी। उन्होंने परीक्षा के आयोजन के लिए प्रशिक्षण को जल्द से जल्द पूरा करने की आवश्यकता जताई है। इसके बाद मंत्रालय ने कदम उठाया है।
सुपर स्पेशलिटी पाठ्यक्रमों के प्रशिक्षण पर भी पड़ेगा असर
NMC के अधिकारियों ने बताया कि प्रशिक्षण में देरी से आने वाले सालों में अगले PG और सुपर-स्पेशलिटी पाठ्यक्रमों के प्रशिक्षण पर भी बड़ा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 2020-21 का नया सत्र देरी से एक फरवरी तथा नया PG सत्र कम से कम एक जुलाई से शुरू होना चाहिएा। इसी तरह PG-NEET परीक्षा मार्च-अप्रैल 2021 के आसपास निर्धारित करने की आवश्यकता है। इसके कार्यक्रम के बिना पाठ्यक्रम पूरा होना मुश्किल है।
मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में होगी गैर कोरोना बेडों की आवश्यकता
NMC के अधिकारियों ने बताया कि मेडिकल कॉलेज खोलने और प्रशिक्षण के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में गैर- कोरोना मरीजों के लिए पर्याप्त संख्या में बेड की आवश्यकता होगी। ऐसे में अस्पतालों में सामान्य मरीजों के उपचार की सुविधा को फिर से शुरू किया जानी चाहिए। इसके बाद ही प्रशिक्षण कार्य पूरा हो सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि महामारी के इस दौर में सभी मेडिकल छात्र स्वयं को संभालने में सक्षम हैं।