कोरोना वायरस के मरीजों में दिख रहे डायरिया जैसे नए गंभीर लक्षण, चिंता में डॉक्टर्स
पिछले 15 दिन से कोरोना वायरस के मरीजों में गंभीर डायरिया, उल्टी और सिरदर्द के लक्षण देखे जा रहे हैं और इन नए लक्षणों ने डॉक्टरों को परेशानी में डाल दिया है। उनका कहना है कि पहले इन लक्षणों वाले मरीजों की टेस्टिंग नहीं की जा रही थी, लेकिन अब नए मामले सामने आने के बाद इन लक्षणों वाले मरीजों की भी टेस्टिंग की जानी चाहिए। कुछ डॉक्टर्स ने कोरोना वायरस का जिनोम बदलने की आशंका भी जताई है।
मध्य जून में स्वास्थ्य मंत्रालय ने जोड़े थे नए लक्षण
कोरोना वायरस के शुरूआती दौर में बुखार, थकान, सांस लेने में परेशानी और सूखी खांसी को वायरस से संक्रमण के लक्षण माना जाता था। इसके बाद मध्य जून में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डायरिया, गले में खराश, बलगम, थकावट, गंधहीनता और स्वादहीनता को भी लक्षणों की सूची में शामिल किया। शुरूआती चरण में मरीजों में ज्यादातर बुखार, सांस लेने में दिक्कत और जुकाम के लक्षण देखे जा रहे थे और टेस्टिंग भी इन्हीं लक्षणों वाले मरीजों तक सीमित थी।
हैदराबाद के अस्पतालों में दिख रहे गंभीर नए लक्षण
अब पिछले 15 दिनों से कोरोना वायरस के मरीजों में आम लक्षणों के साथ-साथ गंभीर नए लक्षण भी दिख रहे हैं। 'डेक्कन क्रॉनिकल' की रिपोर्ट के अनुसार, हैदराबाद के चेस्ट अस्पताल और किंग कोटी अस्पताल में 15 जून से ऐसे मरीज सामने आ रहे हैं जिनमें आम लक्षणों की बजाय डायरिया, उल्टी और सिरदर्द के गंभीर लक्षण दिख रहे हैं। अब डॉक्टरों के सामने सवाल है कि क्या इन लक्षणों वाले मरीजों के भी टेस्ट किए जाने चाहिए।
गैस्ट्रो-इंटेस्टिनल ट्रैक्ट पर हमला कर रहा वायरस- डॉक्टर
एक सरकारी डॉक्टर ने इसे समझाते हुए कहा, "इन्हें (डायरिया आदि) को फूड पॉइजनिंग और मौसम में बदलाव के कारण हुई बीमारी के तौर पर पेश किया जाता है। लेकिन असल में फेफड़ों की बजाय गैस्ट्रो-इंटेस्टिनल ट्रैक्ट पर हमला करके वायरस से कर रहा है। इससे गंभीर डायरिया और उल्टी होती हैं और डिहाइड्रेशन हो जाता है, जिसके फलस्वरूप कमजोरी, ऑक्सीजन के स्तर में कमी, कम रक्तचाप और शुगर और अचानक बेहोशी जैसी समस्याएं होती हैं।"
डॉक्टर्स ने जताई आशंका, मौसम के साथ बदल रहा कोरोना वायरस
डॉक्टर्स ने कोरोना वायरस के जिनोम में बदलाव की आशंका भी जताई है। चेस्ट अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा, "मार्च, अप्रैल और मई के महीने में हमारा ध्यान सांस लेने में परेशानी पर था। फेफड़ों में जख्म के मामले सामने आए थे। अब इनके साथ ये नए लक्षण भी दिख रहे हैं। इन बदलावों को मतलब है कि वायरस ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है और कोरोना वायरस मौसम के साथ बदल रहा है।"
देरी से अस्पातल पहुंच रहे नए लक्षणों वाले मरीज
डॉक्टर्स के अनुसार, हैदराबाद में 20 जून से 30 जून के बीच कोरोना वायरस के संक्रमण से 62 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 30 की मौत अस्पताल में भर्ती किए जाने के चंद घंटे के अंदर ही हो गई और इन मरीजों में आम लक्षणों की बजाय नए लक्षण देखे गए थे। इसका मतलब है कि ये मरीज देरी से अस्पताल पहुंचे रहे हैं क्योंकि अलग लक्षणों के कारण उन्हें संक्रमण की पहचान देरी से हो रही है।
ये हैं डॉक्टर्स की चिंता के अहम कारण
डॉक्टर्स की मुख्य चिंता यह है कि जिन लोगों को डायरिया है, वे ये नहीं सोचते हैं कि उन्हें COVID-19 हो सकता है क्योंकि इसे बीमारी के लक्षण के तौर पर नहीं देखा जाता है। इसके अलावा ऐसे मरीजों के इलाज में भी समस्या आती है क्योंकि उनके इलाज से पहले उनकी हालत स्थिर करना जरूरी होता है। हालांकि डॉक्टर्स ने कहा है कि लोगों को बस इस बात की जानकारी होने और दहशत में न आने की जरूरत है।