
सरकार का कश्मीर में पत्थरबाजी कम होने का दावा, लेकिन आंकड़े दिखा रहे दूसरी तस्वीर
क्या है खबर?
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद को जानकारी दी है कि 5 अगस्त के बाद घाटी में पत्थरबाजी और कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों में कमी आई है।
गौरतलब है कि 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था।
हालांकि, सरकार द्वारा दिए आकंड़ों से पता चलता है कि इन घटनाओं में मामूली वृद्धि हुई है।
जानकारी
अगस्त के बाद पत्थरबाजी के 190 मामले आए सामने
राजस्थान से भाजपा सांसद कनकमल कटारा के सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा को बताया, "5 अगस्त, 2019 से लेकर 15 नवंबर, 2019 तक पत्थरबाजी और कानून-व्यवस्था से जुड़े 190 मामलों में 765 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। एक जनवरी, 2019 से लेकर 4 अगस्त, 2019 तक ऐसे 361 मामले दायर किए गए थे।"
इन आंकड़ों में CrPC और पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में रखे गए लोगों के आंकड़े शामिल नहीं हैं।
आंकड़े
आंकड़े नहीं देते सरकार के दावे की गवाही
कटारा ने सवाल पूछा था कि क्या जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने से पत्थरबाजी के मामलो में कमी आई है। इसके जवाब में रेड्डी ने सकारात्मक जवाब दिया।
हालांकि, आंकड़े सरकार के दावे की गवाही नहीं देते। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस साल जनवरी से 4 अगस्त तक हर महीने पत्थरबाजी और कानून-व्यवस्था से जुड़े औसतन 50 मामले आते थे, जो 5 अगस्त के बाद बढ़कर हर महीने 55 हो गए।
रणनीति
सरकार ने पत्थरबाजों के खिलाफ बनाई बहुस्तरीय नीति
रेड्डी ने कहा कि सरकार ने पत्थरबाजी रोकने के लिए बहुस्तरीय नीति बनाई है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने एक हद तक असामाजिक और भड़काऊ तत्वों की पहचान कर ली है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
इसमें उन्हें पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में लेना और उनकी ऐहतियातन गिरफ्तारी आदि शामिल है।
इससे पहले सरकार ने दावा किया था घाटी में अगस्त के बाद विरोध प्रदर्शनों में बड़ी कमी आई है।
हिरासत
हिरासत में रखे गए हैं 400 से ज्यादा नेता और कार्यकर्ता
सूत्रों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 400 से अधिक लोगों को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत हिरासत में रखा गया है।
इनके अलावा कई नेताओं और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को नजरबंद किया गया है।
इनमें राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुला, उमर अब्दुला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।
हालांकि सरकार ने जम्मू इलाके के कुछ नेताओं को रिहा किया था, लेकिन इनकी रिहाई को लेकर कोई जानकरी नहीं मिली है। विपक्ष लगातार इनकी रिहाई की मांग कर रहा है।
स्कूलों में बच्चे
स्कूलों में बढ़ रही बच्चों की उपस्थिति- सरकार
इसके साथ ही सरकार ने लोकसभा को बताया कि अगस्त से लेकर अक्टूबर तक पाकिस्तान की तरफ सीजफायर उल्लंघन के 950 मामले सामने आये हैं।
कश्मीर के स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा कि कुछ दिन तक बच्चे स्कूल नहीं आए थे, लेकिन उनकी उपस्थिति बढ़ रही है। सरकार ने बताया कि स्कूलों के 99.7 फीसदी बच्चे इन दिनों चल रही परीक्षा में शामिल हैं।