कश्मीर: शनिवार से शुरू होंगी पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं, प्रीपेड और इंटरनेट के लिए करना होगा इंतजार
68 दिन की पाबंदी के बाद कश्मीर में पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं शनिवार को फिर से शुरू कर दी जाएंगी। हालांकि, इंटरनेट सेवाओं को शुरू नहीं किया जाएगा और इसके लिए पोस्टपेड ग्राहकों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। बता दें कि कश्मीर में 66 लाख ग्राहक मोबाइल सेवाओं का प्रयोग करते हैं, जिनमें से करीब 40 लाख के पास पोस्टपेड कनेक्शन हैं। जिन लोगों को नया पोस्टपेड कनेक्शन चाहिए होगा, उनकी वेरिफिकेशन की जाएगी।
पोस्टपेड मोबाइल सेवाओं से शुरूआत करेगा प्रशासन
समाचार एजेंसी PTI को जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अधिकारियों ने ये जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि शुरूआत में पोस्टपेड सेवाओं को शुरू करने का फैसला लिया गया है और प्रीपेड सेवाओं को बाद में शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पोस्टपेड ग्राहकों को इंटरनेट सेवाएं फिर से शुरू होने के लिए अभी थोड़े और समय इंतजार करना पड़ेगा। बता दें कि आतंकियों द्वारा प्रयोग के डर के चलते इंटरनेट सेवाओं को शुरू नहीं किया जा रहा है।
कश्मीर को पर्यटकों के लिए खोलने से जु़ड़ा है पोस्टपेड सेवाएं शुरू करने का फैसला
पोस्टपेड मोबाइल सेवाएं शुरू करने का ये फैसला कश्मीर को पर्यटकों के लिए फिर से खोलने के फैसले के दो दिन बाद आया है। इसी हफ्ते सरकार ने 2 अगस्त को अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को जारी की गई घाटी छोड़ने की एडवाइजरी वापस ली थी। इस फैसले के बाद यात्रा संघ संगठनों ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से कहा था कि फोन सेवाएं बंद होने के कारण कोई भी पर्यटक कश्मीर नहीं आना चाहेगा।
अनुच्छेद 370 पर फैसले से पहले बंद कर दी गईं थीं मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं
बता दें कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और उसे दो हिस्सों में बांटने के केंद्र सरकार के फैसले से पहले राज्य में मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं बंद कर दी गईं थीं। पिछले दो महीने में धीरे-धीरे इन पाबंदियों को हटाया गया है। सबसे पहले 17 अगस्त को कश्मीर में कुछ लैंडलाइन सेवाओं को शुरू किया गया, इसके बाद 4 सितंबर को सभी 50,000 लैंडलाइन सेवाओं को शुरू कर दिया गया।
जम्मू से कुछ दिन बाद ही हट गईं थीं पाबंदियां
वहीं जम्मू में फैसले के कुछ दिन बाद ही पाबंदियों को हटा दिया गया था। कुछ समय के लिए इंटरनेट सेवाएं भी शुरू की गई थीं। हालांकि इसके दुरुपयोग के कारण 18 अगस्त को मोबाइल फोन पर इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया था।
लगाई गई थीं कई अन्य तरह की पाबंदियां
केंद्र सरकार के फैसले के बाद फोन और इंटरनेट सेवाओं पर रोक के अलावा अन्य कई तरह की पाबंदियां भी लगाई गई थीं। इन पाबंदियों को भी धीरे-धीरे हटा लिया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार इस बीच पत्थरबाजी की 306 घटनाएं सामने आईं। वहीं कश्मीर में करीब 4,000 लोगों को हिरासत में भी लिया गया जिनमें 144 नाबालिग थे। सरकार के अनुसार, 142 नाबालिगों और अन्य कई लोगों को हिरासत से रिहा कर दिया गया है।
कश्मीरी नेता अभी भी हिरासत में
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के लगभग 400 नेताओं को भी हिरासत में लिया गया था। इनमें से जम्मू के सभी नेताओं को छोड़ दिया गया है। वहीं उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत कश्मीरी नेता अभी भी हिरासत में हैं।