सरकार के दावे के विपरीत अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में पत्थरबाजी की 306 घटनाएं
क्या है खबर?
अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में पूरी तरह शांति होने के केंद्र सरकार के दावों के विपरीत कश्मीर में पिछले दो महीनों में पत्थरबाजी की 306 घटनाएं हुई हैं।
सुरक्षा बलों के आंतरिक दस्तावेजों से इस बात का खुलासा हुआ है।
दस्तावेजों के अनुसार, पत्थरबाजी की इन घटनाओं में 100 से अधिक सुरक्षा बल घायल हुए जिनमें से 89 केंद्रीय अर्धसैनिक बलों से संबंध रखते हैं।
मीडिया संगठन 'न्यूज 18' की एक रिपोर्ट में ये आंकड़े दिए गए हैं।
स्थिति
कश्मीर में लगी पाबंदियों के कारण सामने नहीं आ रही साफ तस्वीर
बता दें कि 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से ही कश्मीर के हालात पर संशय बना हुआ है।
घाटी में इंटरनेट और फोन सेवाओं पर रोक है और नेताओं को घर में नजरबंद किया हुआ है। इससे घाटी की स्थिति की पूरी तस्वीर सामने नहीं आ रही है।
इस बीच केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर लगातार ये दावा करते रहे हैं कि पत्थरबाजी के एक-दो मामलों को छोड़ दिया जाए तो कश्मीर पूरी तरह शांत है।
जानकारी
पहले छह महीनों में हुईं थीं पत्थरबाजी की मात्र 40 घटनाएं
सुरक्षा बलों के ये दस्तावेज अलग ही तस्वीर पेश करते हैं जो बताते हैं कि 5 अगस्त के बाद कश्मीर में पत्थरबाजी की 306 घटनाएं हुई हैं। इसके विपरीत साल के पहले छह महीनों में पत्थरबाजी की मात्र 40 घटनाएं हुई थीं।
सरकारी रिपोर्ट
सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच पांच मुठभेड़, मारे गए 10 आतंकी
इस बीच अगर सरकारी रिकॉर्ड की बात करें तो इन दो महीनों में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच पांच मुठभेड़ हुईं जिनमें दो सुरक्षा बल शहीद हुए और नौ घायल हुए।
इन मुठभेड़ों में 10 आतंकवादी भी मारे गए।
इसके अलावा बम फेंकने और सुरक्षा बलों से हथियार छीनने के 2-2 मामले भी सामने आए हैं।
इस बीच कश्मीर में एक CRPF कैंप पर भी हमला किया गया, लेकिन इसमें किसी तरीके का नुकसान नहीं हुआ।
पैलेट गन से मौत?
कक्षा 11 में पढ़ने वाले छात्र की हुई अप्राकृतिक मौत
केंद्र सरकार कश्मीर में "एक भी गोली नहीं चलने और एक भी व्यक्ति की मौत नहीं होने" का दावा भी करती रही है।
हालांकि, पाबंदियों के बावजूद जो खबरें सामने आई हैं, उनसे कम से कम एक व्यक्ति की अप्राकृतिक मौत की बात सामने आती है।
कक्षा 11 में पढ़ने वाले असरार अहमद खान ने 4 सितंबर को दम तोड़ दिया था। उसके परिवार ने कहा था कि असरार की पैलेट गन से घायल होने के कारण मौत हुई है।
रिपोर्ट्स
पाबंदियों के कारण जरूरतमंदों तक समय पर नहीं पहुंच रहीं मेडिकल सुविधाएं
बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया में कश्मीर में पत्थरबाजी और पाबंदियों के कारण स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी समस्याओं की कई रिपोर्ट सामने आई हैं।
इन रिपोर्ट्स के अनुसार, अनुच्छेद 370 पर फैसले के बाद कश्मीर में विरोध प्रदर्शन तो हुए ही हैं, साथ ही सरकार द्वारा लगाई गई पाबंदियों के कारण बीमारों, वृद्धों, घायलों और जरूरतमंदों तक मेडिकल सुविधाएं समय पर नहीं पहुंच पा रही हैं।
खस्ताहाल मेडिकल सुविधाओं से संबंधित रिपोर्ट्स भारतीय मीडिया में भी प्रकाशित हुई हैं।
हिरासत
हिरासत में लिए गए हजारों लोग
इस बीच हजारों लोगों को हिरासत में भी लिया गया है। मीडिया रिपोट्स के अनुसार, 5 अगस्त के बाद से करीब 4,000 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है।
वहीं खुद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में इस दौरान 144 नाबालिगों को हिरासत में लेने की बात भी स्वीकार की थी।
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के करीब 400 नेताओं को हिरासत में लिया गया था, जिनमें से जम्मू के नेताओं को रिहा कर दिया गया है।
जानकारी
कब होगी कश्मीरी नेताओं की रिहाई?
इसके बाद कश्मीरी नेताओं की रिहाई के समय पर सवाल उठ रहे हैं। आज कश्मीर को पर्यटकों के लिए खोलने के बाद ये सवाल और तीखा हो गया है। हिरासत में बंद कश्मीरी नेताओं में उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं।