पर्चियों के जरिए वोटिंग के बाद तीन तलाक बिल लोकसभा में पेश, सरकार और विपक्ष आमने-सामने
मोदी सरकार ने आज लोकसभा में तीन तलाक बिल पेश किया। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 लोकसभा में पेश करते हुए इसे नारी गरिमा का विषय बताया। वहीं, कांग्रेस ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि ये मुस्लिम महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं करता है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बिल को संविधान के खिलाफ बताया। बिल को पेश किए जाने के लिए पर्चियों के जरिए वोटिंग हुई।
बिल पेश करने के लिए हुई वोटिंग
तलाक-ए-बिद्दत पर तीन साल की सजा का प्रावधान
अगर बिल लोकसभा में पारित हो जाता है तो इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। वहां से पारित होने के बाद ये मौजूदा तीन तलाक अध्यादेश की जगह लेगा। इसमें तत्काल तीन तलाक यानि तलाक-ए-बिद्दत पर 3 साल तक की सजा का प्रावधान है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, धर्म और सियासत का विषय नहीं
तीन तलाक बिल पेश करते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, "ये सवाल न सियासत का है, न इबादत का है, न पूजा का है, न धर्म का है, न प्रार्थना का है, ये सवाल है नारी न्याय, नारी गरिमा, नारी इंसाफ का।" उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में कहा गया है कि किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता, इसलिए यह संविधान के खिलाफ कतई नहीं है बल्कि उनके अधिकारों से जुड़ा है।
शशि थरूर ने कहा, एक समुदाय को निशाना बनाता है बिल
केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बिल का सबसे पहले विरोध किया। उन्होंने सरकार से एक समुदाय को निशाना बनाने की बजाय परिवार का त्याग करने वाले सभी लोगों के लिए एक कानून लाने को कहा। थरूर ने कहा कि बिल संविधान का उल्लंघन करता है क्योंकि ये एक वर्ग या समुदाय को निशाना बनाता है। उन्होंने कहा कि बिल मुस्लिम महिलाओं की सुरक्षा करने की बजाय मुस्लिम पुरुषों को सजा देता है।
ओवैसी ने पूछे तीखे सवाल
AIMIM प्रमुख ओवैसी ने भी बिल के विरोध में तीखे तर्क रखे। उन्होंने कहा, "ये आर्टिकल 14 और 15 का उल्लंघन है। अगर कोई गैर-मुस्लिम पति को किसी केस में डाला जाएगा तो उसे एक साल की सजा और मुसलमान को 3 साल की सजा।" ओवैसी ने कहा, "आप महिलाओं के हित में नहीं हैं। आप साबित करने का जिम्मा महिला पर डाल रहे हैं। पति 3 साल जेल में रहेगा, गुजारा भत्ता कौन देगा, क्या सरकार गुजारा भत्ता देगी?"
'केरल की हिंदू महिलाओं से मोहब्बत क्यों नहीं?'
ओवैसी ने सरकार ने सवाल पूछते हुए कहा, "आपको मुस्लिम महिलाओं से इतनी मोहब्बत है, केरल की हिंदू महिलाओं से मोहब्बत क्यों नहीं है? क्यों सबरीमाला के आप खिलाफ हैं? आप क्यों फैसले के खिलाफ हैं?"