विदेश मंत्रालय का दावा- रूस में युद्ध लड़ने को मजबूर कई भारतीयों को छुड़ाया गया
रूसी सेना में सहायक कर्मियों के रूप में काम कर रहे भारतीयों को जल्द 'कार्यमुक्त' करवाने के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय रुस के संपर्क में हैं। विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे को प्रतिबद्धता के साथ उठाया जा रहा है और कई भारतीय नागरिकों को रूस की सेना ने छोड़ भी दिया है। मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्टों को गलत बताया, जो रूसी सेना से 'कार्यमुक्ति' के लिए मदद मांगने वाले भारतीयों के लिए अलग कहानी पेश कर रहे थे।
क्या है मामला?
दरअसल, रूस की सेना में भारतीयों को रूसी कंपनियों में बतौर सहायक के रूप में काम करने के बदले लाखों की रुपये की सैलरी का ऑफर दिया गया था। इस पद के लिए एक एजेंट ने उन्हें धोखे से उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू कश्मीर रूस पहुंचने में मदद की। इसके बाद उन्हें बुनियादी प्रशिक्षण के बाद यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में तैनात कर दिया गया। अब भारतीयों ने मदद की गुहार लगाई है।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में क्या कहा?
विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, "हमने रूसी सेना से 'कार्यमुक्ति' की मदद मांगने वाले भारतीयों के संबंध में मीडिया में कुछ गलत रिपोर्ट देखी हैं। मॉस्को में भारतीय दूतावास के संज्ञान में लाए गए प्रत्येक ऐसा मामला रूसी अधिकारियों के समक्ष दृढ़ता उठाया गया। मंत्रालय के संज्ञान में लाए गए मामलों पर नई दिल्ली में रूसी दूतावास के अधिकारियों से चर्चा की गई है। इसके परिणामस्वरूप कई भारतीयों को रूसी सेना से 'कार्यमुक्त' कर दिया गया है।"
मंत्रालय ने कहा- यह मामला सर्वोच्च प्राथमिकता है
मंत्रालय ने आगे कहा, "हम सर्वोच्च प्राथमिकता से इस मामले को देख रहे हैं और रूस सरकार के संपर्क में हैं ताकि रूसी सेना से भारतीय नागरिक जल्द से जल्द 'कार्यमुक्त' हो सकें।" इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एडवाइजरी जारी कर भारतीयों से संघर्ष से दूर रहने और सावधानी बरतने की अपील की थी। इसके साथ ही कहा था कि मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास उनके शीघ्र निर्वहन के लिए रूसी अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं।
एक भारतीय की हो चुकी है मौत
बता दें कि रूस-यूक्रेन के बीच गुजरात के रहने वाले 23 वर्षीय हेमिल मंगुकिया की एक मिसाइल हमले के कारण 21 फरवरी को मौत हो गई। हेमिल सूरत के पातिदार इलाके वराछा के आनंदनगर वाडी का निवासी था। सोमवार को हेमिल का अंतिम संस्कार बिना उसके शव के किया जाएगा। हालांकि, परिजनों ने सरकार से उसके शव को देश लाने का अनुरोध किया है। हेमिल ने एक ब्लॉग विज्ञापन के जरिए रूस में नौकरी के लिए आवेदन किया था।