रूस ने किया परमाणु क्रूज मिसाइल का परीक्षण, पुतिन बोले- एक भी दुश्मन नहीं बचेगा
क्या है खबर?
रूस ने परमाणु हथियार से लैस एक क्रूज मिसाइल की नई पीढ़ी का सफल परीक्षण किया है। इस मिसाइल को ब्यूरवेस्टनिक नाम दिया गया है। इसे विकसित करने की घोषणा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मार्च, 2018 में की थी।
इस मौके पर पुतिन ने कहा कि मॉस्को ने हजारों मील की संभावित रेंज वाली परमाणु ऊर्जा से संचालित और परमाणु-सक्षम क्रूज मिसाइल ब्यूरवेस्टनिक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
बयान
दुश्मन के बचने की कोई संभावना नहीं- पुतिन
पुतिन ने कहा कि दिमाग का ठीक ढंग से इस्तेमाल वाला कोई भी व्यक्ति रूस के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा।
उन्होंने कहा, "अगर इस तरह के हमले का पता चला तो हमारी सैकड़ों मिसाइलें हवा में दिखाई देंगी, जिसमें एक भी दुश्मन के बचने की कोई संभावना नहीं होगी।''
पुतिन ने कहा कि रूस ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली सरमत पर भी काम लगभग पूरा कर लिया है।
परीक्षण
पुतिन ने परमाणु परीक्षण की संभावना से किया इनकार
राहत की बात ये है कि पुतिन ने इस संभावना से इनकार किया है कि रूस फिर से परमाणु परीक्षण शुरू कर सकता है।
उन्होंने कहा, "अमेरिका ने परमाणु परीक्षणों पर प्रतिबंध लगाने वाली संधि की पुष्टि नहीं की है, जबकि रूस ने इस पर हस्ताक्षर और पुष्टि दोनों की है।"
बता दें कि आखिरी बार सोवियत संघ के पतन से एक साल पहले यानी 1990 में रूस ने परमाणु परीक्षण किया था।
कनाडा
पुतिन ने कनाडाई संसद के पूर्व स्पीकर को कहा बेवकूफ
कनाडा की संसद में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हिटलर की सेना की ओर से लड़ने वाले सैनिक को सम्मानित किए जाने पर पुतिन ने कनाडा को भी घेरा।
उन्होंने कहा, "अगर स्पीकर ये नहीं जानते कि हिटलर और उसके सैनिकों ने रूस के खिलाफ युद्ध लड़ा था तो वे बेवकूफ हैं। उन्होंने पढ़ाई नहीं की और उनके पास बुनियादी ज्ञान नहीं है।"
बता दें कि इस मामले पर खूब विवाद हुआ था और स्पीकर ने इस्तीफा दे दिया था।
UNSC
पुतिन ने की भारत की UNSC सदस्यता की वकालत
पुतिन ने एक कार्यक्रम में भारत की तारीफ की।
उन्होंने कहा, "पश्चिमी देश जो तरीके एशिया में इस्तेमाल कर रहे हैं, हमें वो पता है। मैं कहना चाहूंगा कि भारत का नेतृत्व स्वतंत्र और अपने राष्ट्र हितों को लेकर दृढ़ है।"
पुतिन ने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए। पुतिन ने भारत को 'ताकतवर देश' बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
वर्तमान में 5 देश ही UNSC के स्थायी सदस्य हैं। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन शामिल हैं।
भारत लंबे समये से UNSC की स्थायी सदस्यता के लिए कोशिशें कर रहा है। अमेरिका और रूस कई बार भारत का समर्थन भी कर चुके हैं, लेकिन चीन अड़ंगा लगा देता है।
दरअसल, UNSC के स्थायी सदस्यों को वीटो पावर मिलती है, इस वजह से किसी प्रस्ताव को पारित करने या गिराने में देश की भूमिका अहम हो जाती है।