सूडान से आए 117 भारतीयों को नहीं लगी है येलो फीवर की वैक्सीन, किए गए क्वारंटीन
युद्धग्रस्त सूडान से 'ऑपरेशन कावेरी' के तहत अब तक वापस भारत आए करीब 1,200 भारतीयों में से 117 भारतीयों को येलो फीवर की वैक्सीन नहीं लगी है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है। मंत्रालय ने बताया कि इन सभी यात्रियों को एहतियात के तौर पर 7 दिनों के लिए क्वारंटीन किया गया है और इस दौरान येलो फीवर के लक्षण नहीं दिखने पर घर भेज दिया जाएगा। बतौर रिपोर्ट्स, सूडान में अभी भी 2,000 भारतीय फंसे हैं।
कई अस्पतालों में की गई है क्वारंटीन करने की व्यवस्था- मंत्रालय
स्वास्थ्य मंत्रालय 'ऑपरेशन कावेरी' के तहत विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है। मंत्रालय ने कहा कि सूडान से आने वाले यात्रियों के लिए एयरपोर्ट अधिकारियों की मदद से क्वारंटीन करने के साथ-साथ खाने की व्यवस्था की जा रही है। मंत्रालय ने आगे बताया कि दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज समेत अन्य अस्पतालों में भी क्वारंटीन बेड की व्यवस्था की गई है। यात्रियों के वैक्सीनेशन के प्रमाण-पत्रों की जांच भी की जा रही है।
सऊदी अरब से 8वीं फ्लाइट भारत रवाना
सूडान में पिछले 2 सप्ताह से जारी है संघर्ष
सूडान में 15 अप्रैल को छिड़े संघर्ष को 2 सप्ताह से अधिक का समय हो चुका है। आंकड़ों के मुताबिक, संघर्ष में अब तक 500 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि करीब 4,000 लोग घायल हुए हैं। सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच सीजफायर के बावजूद भी राजधानी खार्तूम और अन्य शहरों में लगातार गोलाबारी चल रही है। दोनों ही पक्षों में किसी को भी कोई महत्वपूर्ण जीत हासिल नहीं हुई है।
लगातार लड़ाई के कारण टूट रहा है सूडान- UN महासचिव
संयुक्त राष्ट्र (UN) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सऊदी अरब के चैनल अल अरबिया टेलीविजन को बताया कि जब सूडान टूट रहा है तो किसी को सत्ता के लिए लड़ने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि सूडान में तुरंत शांति बहाल होनी चाहिए। अमेरिका, सऊदी अरब, अफ्रीकी संघ और UN की मध्यस्थता के बाद गुरुवार को सूडान में दोनों पक्षों के बीच 3 दिवसीय सीजफायर पर सहमति बनी थी, जो रविवार रात को खत्म हो जाएगा।
खार्तूम में बिजली और पानी की कमी के बीच घरों में बंद हैं लोग
संघर्ष के कारण सूडान में हजारों लोग बेघर हो गए हैं। सूडान के नागरिक देश में जारी संघर्ष की स्थिति से बचने के लिए पलायन करने का रास्ते खोज रहे हैं और उन्होंने लड़ाई से बचने के लिए पड़ोसी देशों चाड, मिस्र, दक्षिण सूडान और इथियोपिया की कठिन यात्राएं शुरू कर दी हैं। हजारों सूडानी राजधानी खार्तूम से भाग गए हैं, लेकिन लाखों लोग गोलाबारी और लूटपाट के बीच बिजली, भोजन और पानी के बिना घरों में बंद हैं।
सूडान में क्यों चल रहा है संघर्ष?
सूडान में सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच संघर्ष चल रहा है। इसके पीछे की बड़ी वजह देश की सत्ता पर कब्जा करना है। मुख्य लड़ाई सेना के जनरल जनरल अब्देल-फतह बुरहान और RSF प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान दगालो के बीच है। अक्टूबर, 2021 में देश में हुए तख्तापलट के बाद RSF और सेना के बीच एक समझौता हुआ था। हालांकि, हाल ही में इस समझौते के विफल होने के बाद संघर्ष बढ़ गया है।