किसने बनाया आरोग्य सेतु ऐप? NIC को नहीं है जानकारी; सूचना आयोग का मंत्रालय को नोटिस
कोरोना महामारी के दौरान संक्रमितों और संदिग्धों का पता लगाने के लिए आरोग्य सेतु ऐप के उपयोग पर जोर दिया जा रहा है। सरकार लगातार ऐप को बहुत कारगर बता रही है। उसी ऐप को लेकर चौंकाने वाली खबर सामने आई है। दरअसल, सरकारी वेबसाइटों को डिजाइन करने वाले नेशल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) को ऐप बनाने वालों की कोई जानकारी नहीं है। NIC की ओर से सूचना का अधिकार (RTI) के तहत दिए गए जवाब में यह खुलासा हुआ है।
सामाजिक कार्यकर्ता ने RTI के तहत NIC से मांगी थी जानकारी
इंडिया टुडे के अनुसार सामाजिक कार्यकर्ता सौरव दास ने करीब दो महीने पहले RTI के तहत NIC से आरोग्य सेतु ऐप शुरुआती प्रस्ताव, इसको मिली मंजूरी की जानकारी, इस काम में शामिल कंपनियों, व्यक्ति और सरकारी विभागों और ऐप डेवलपमेंट से जुड़े लोगों के बीच हुए सूचना के आदान-प्रदान की प्रतियां मांगी थी। इस पर NIC और इलेक्ट्रॉनिक मंत्रालय दोनों ने ऐप बनाने वालों की जानकारी होने से इनकार कर दिया और जानकारी नहीं दी।
RTI का जवाब नहीं मिलने पर सामाजिक कार्यकर्ता ने सूचना आयोग में की शिकायत
NIC और IT मंत्रालय की ओर से मांगी गई सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराए जाने के बाद दास ने सूचना आयोग में शिकायत भेज दी। उन्होंने शिकायत में कहा कि उन्होंने आरोग्य सेतु ऐप को बनाने वाले के बारे में जानकारी के लिए NIC, नेशनल ई-गवर्नेंस डिविजन (NeGD), मुख्य सार्वजनिक सूचना अधिकारियों (CPIO) और मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से संपर्क किया था, लेकिन वह सूचना देने में असफल रहे हैं। इससे उन्हें काफी मानसिक वेदना हुई है।
दो महीनों तक विभागों में घूमती रही RTI
RTI दो महीने विभागों में घूमती रही। NIC ने कहा कि ऐप को बनाने के संबंध में उसके पास जानकारी नहीं है। IT मंत्रालय ने आवेदन को NeGD के पास भेज दिया। उसमें कहा गया कि मांगी गई सूचना उनके विभाग से जुड़ी नहीं है।
सूचना आयोग ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
मामले में अब सूचना आयुक्त वनजा एन सरण ने CPIO, NIC, NeGD और IT मंत्रालय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने यह भी पूछा है कि आखिर सूचना देने में रुकावट पैदा करने और गोलमोल जवाब देने के आरोप में उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाए। इसके अलावा उन्होंने यह भी लिखित में बताने को कहा कि वेबसाइट https://aarogyasetu.gov.in/ का डोमेन नेम gov.in के साथ कैसे बनाया गया है।
इन सेवाओं में किया जा रहा है ऐप का उपयोग
सरकार लगतार ऐप के उपयोग पर जो रही है। इतना ही नहीं सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को आवश्यक रूप से ऐप को अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करने के निर्देश दे दिए। इसके अलावा हवाई यात्राओं से लेकर मेट्रो और ट्रेनों में सफर सहित अन्य सरकारी सेवाओं में ऐप के बिना सफर की मंजूरी नहीं दी जा रही है। ऐसे में सरकार के पास ऐप बनाने वालों की जानकारी नहीं होना इसकी विश्वसनियता पर सवाल खड़े कर रहा है।
राहुल गांधी लगा चुके हैं ऐप को लेकर गंभीर आरोप
इस कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर रहा है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो इसे लोगों पर नजर रखने वाला सिस्टम बताया था जिसे किसी प्राइवेट ऑपरेटर से लिया गया है। हालांकि, सरकार ने गांधी के आरोपों को खारिज किया था। बता दें कि वर्तमान में देश में करीब 16 करोड़ लोग आरोग्य सेतू ऐप को डाउनलोड कर चुके हैं और लगातार इसका उपयोग बढ़ता जा रहा है।