Page Loader
प्रवासी मजदूरों की मौत, लिंचिंग समेत केंद्र सरकार के पास नहीं हैं इन चीजों के आंकड़े

प्रवासी मजदूरों की मौत, लिंचिंग समेत केंद्र सरकार के पास नहीं हैं इन चीजों के आंकड़े

Sep 24, 2020
09:03 pm

क्या है खबर?

मानसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने कई सवालों के जवाब में कहा था कि उसके पास इनसे जुड़े आंकड़े उपलब्ध नहीं है। इसे लेकर विपक्ष ने भी सरकार को घेरा था। कई जानकारों का भी कहना था कि आंकड़ों की कमी के कारण नीति-निर्माण पर असर पड़ सकता है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि हाल के दिनों में सरकार ने किन-किन सवालों के जवाब में कहा है कि उसके पास इसके आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।

आंकड़े नहीं

कोरोना की चपेट में आने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या

मानसून सत्र में स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने एक लिखित जवाब में कहा था कि सरकार के पास इससे जुड़ा कोई आंकडा नहीं है कि भारत में अग्रिम मोर्चे पर तैनात कितने स्वास्थ्यकर्मी कोरोना से संक्रमित हुए हैं। केंद्र सरकार ऐसे आंकड़े इकट्ठा नहीं करती। इसी तरह महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा था कि उनके मंत्रालय के पास उन महिला कर्मचारियों के आंकड़े नहीं है, जिन्होंने कोरोना के कारण आंगनवाड़ी में काम छोड़ दिया।

क्या आप जानते हैं?

सरकार को नहीं पता कि लॉकडाउन में कितनी लड़कियों ने स्कूल छोड़ा

वहीं कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे के एक सवाल के जवाब में स्मृति ईरानी ने बताया कि सरकार के पास यह आंकड़ा भी नहीं है कि लॉकडाउन के कारण कितनी लड़कियों ने स्कूल छोड़ दिया है। यह जवाब इसी महीने संसद में दिया गया है।

प्रवासी मजदूर संकट

सरकार को नहीं पता प्रवासी मजूदरों से जुड़े ये आंकड़े

इसी महीने श्रम और रोजगार मंत्रालय ने संसद को बताया था कि उसके पास लॉकडाउन के दौरान जान गंवाने वाले प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा नहीं है। श्रम और रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने लिखित जवाब में यह भी कहा कि सरकार के पास लॉकडाउन के कारण रोजगार खोने वाले प्रवासी मजदूरों का रिकॉर्ड नहीं है। इसी तरह RTI के जवाब में कहा गया कि सरकार के पास लॉकडाउन के कारण अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों का आंकड़ा नहीं है।

आंकड़े नहीं

लॉकडाउन के दौरान मरने वाले सफाई कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों की संख्या

मानसून सत्र के दौरान सरकार ने संसद को बताया कि उसके पास महामारी के दौरान अस्पतालों और मेडिकल कचरे की सफाई से जुड़े स्वास्थ्य और सुरक्षा खतरों के कारण जान गंवाने वाले सफाई कर्मचारियों का आंकड़ा नहीं है। अस्पताल और स्वास्थ्य राज्यों का मामला है। इसी तरह गृह मंत्रालय ने मानसून सत्र के दौरान संसद को बताया कि उसके पास कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों का रिकॉर्ड नहीं है।

आंकड़े उपलब्ध नहीं

लिंचिंग में हुई मौतों की संख्या

द न्यूज मिनट की खबर के अनुसार, मार्च, 2018 में तत्कालीन गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने राज्यसभा को बताया था कि केंद्र सरकार लिंचिंग के कारण देश में हुई मौतों की संख्या नहीं बता सकती क्योंकि ऐसे कोई आंकड़े उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा था कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ऐसे आंकड़े इकट्ठा नहीं करता। NCRB की 2017 की रिपोर्ट, जो 2019 में जारी हुई, उसमें भी लिंचिंग के कारण हुई मौतों का जिक्र नहीं था।

जानकारी

कर्ज के कारण आत्महत्या करने वाले किसानों के आंकड़े

दिसंबर, 2018 में कर्ज के कारण किसानों की आत्महत्या से जुड़े सवाल पर सरकार ने कहा था कि उसके पास 2016 के बाद से ऐसे आंकड़े उपलब्ध नहीं है। NCRB ने किसानों की आत्महत्या के आंकड़े जारी किए, लेकिन आत्महत्या का कारण नहीं बताया।

आंकड़े नहीं

RTI कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की हत्या से जुड़े आंकड़े

इसी तरह सरकार ने संसद में एक सवाल के जवाब में कहा था कि उसके पास RTI कार्यकर्ताओं की हत्या से जुड़े आंकड़े भी नहीं है। वहीं पत्रकारों की हत्या से जुड़े सवालों पर भी सरकार का ऐसा ही जवाब था। जुलाई, 2018 में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा था कि NCRB हत्याओं के आंकड़े इकट्ठा करता है, लेकिन इसमें पत्रकार और दूसरे पेशों के आधार पर वर्गीकरण नहीं होता।