दिल्ली: जून के बाद से नहीं मिल रहा वेतन, भूख हड़ताल पर बैठे डॉक्टर जंतर-मंतर पहुंचे
क्या है खबर?
लंबित वेतन की मांग को लेकर पिछले 18 दिनों से आंशिक भूख हड़ताल पर चल रहे उत्तरी दिल्ली निगम द्वारा संचालित तीन अस्पतालों के करीब 100 डॉक्टर और चिकित्साकर्मी गुरुवार को विरोध प्रदर्शन के लिए जंतर-मंतर पहुंच गए।
इस दौरान उन्होंने प्रशासन को मांगे पूरी नहीं होने पर पूर्ण भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी भी दी है।
डॉक्टर और चिकित्साकर्मियों के इस कदम ने कोरोना महामारी के बीच दिल्ली सरकार की चिंताओं में इजाफा कर दिया है।
प्रकरण
वेतन भुगतान नहीं होने से नाराज हैं डॉक्टर और चिकित्साकर्मी
बता दें कि कोरोना महामारी के बीच उत्तरी निगम द्वारा संचालित हिंदू राव, कस्तूरबा गांधी और राजन बाबू अस्पतालों के डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों को जून के बाद से वेतन नहीं दिया जा रहा है।
इसको लेकर तीनों अस्पतालों के करीब 100 डॉक्टर और चिकित्साकर्मी पिछले 18 दिनों से आंशिक भूख हड़ताल और तीन घंटे की पेन डाउन हड़ताल पर थे, लेकिन निगम ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया। ऐसे में उन्होंने आंदोलन तेज करने का निर्णय किया है।
चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने दी पूर्ण भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी
डॉक्टरों ने कहा कि वह अब तक आंशिक भूख हड़ताल पर रहकर विरोध जता रहे थे, लेकिन अब उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह पूर्ण भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते हैं कि महामारी के इस दौर में मरीजों को परेशानी हो, लेकिन निगम की ओर से उन्हें वेतन नहीं दिया जा रहा है।
उन्होंने भाजपा शासित निगम प्रशासन के खिलाफ नारे लगाकर मांगों को जल्द पूरा करने की मांग की है।
बयान
बिना भुगतान कैसे की जा सकती है काम की उम्मीद?
हिंदू राव अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ अभिमन्यु सरदाना ने कहा कि वह सिर्फ अपना बकाया भुगतान मांग रहे हैं। उन्हें महीनों से भुगतान नहीं मिल रहा है। ऐसे में बिना भुगतान काम की उम्मीद कैसे की जा सकती है। वह कैसे अपना घर चलाएं।
वह जिंदगी को जोखिम में डालकर कोरोना मरीजों का उपचार कर रहे हैं, लेकिन फिर भी उन्हें भुगतान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है।
कर्ज
कर्ज लेकर घर चलाने को मजबूर- चिकित्साकर्मी
अन्य चिकित्साकर्मियों ने कहा कि भुगतान नहीं मिलने के कारण उन्हें साहूकारों या दोस्तों से कर्ज लेकर अपना घर चलाना पड़ रहा है। सभी कर्मचारियों को हर महीने मकान का किराया और अन्य किश्ते चुकानी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि उनकी पूरी बचत खत्म होने के बाद वह भूख हड़ताल पर जाने को मजबूर हुए हैं।
कस्तूरबा अस्पताल के नर्सिंगकर्मी संतोष सिंह ने कहा कि जब तक उन्हें बकाया भुगतान नहीं मिलता है, वह काम पर नहीं लौटेंगे।
प्रभाव
डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से प्रभावित हुई सेवाएं
दिल्ली में डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों के हड़ताल पर जाने से अस्पतालों में सेवाएं प्रभावित हो रही है। मरीजों को उपचार के लिए भटकना पड़ रहा है। कोरोना माहामारी के दौर में हालत बेहद खराब है।
इधर, कैश-स्ट्राइव्ड सिविक बॉडी ने महीने की शुरुआत में कहा था कि उसके पास पर्याप्त फंड नहीं है और बकाया भुगतान करने के लिए नवंबर के अंत तक का समय चाहिए। उसके बाद ही भुगतान किया जा सकेगा।