अस्पताल में भर्ती अरुण जेटली की हालत गंभीर, मिलने पहुंचे अमित शाह और योगी आदित्यनाथ
क्या है खबर?
दिल्ली स्थित AIIMS में भर्ती पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की हालत गंभीर बनी हुई हैं। डॉक्टरों की एक टीम की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है।
शुक्रवार देर रात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उनका हाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे थे।
इससे पहले शुक्रवार को दिन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जेटली से मिलने के लिए AIIMS आए थे। उनके साथ स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद थे।
इलाज
9 अगस्त से अस्पताल में भर्ती हैं जेटली
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में कई मंत्रालयों का प्रभार संभालने वाले जेटली को 9 अगस्त को सांस लेने में हो रही तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उनके भर्ती होने के बाद से AIIMS की तरफ से एक बार भी उनका मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया गया है।
हालाँकि कुछ दिन पहले उप-राष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने कहा कि जेटली की हालत में सुधार हो रहा है।
सेहत
खराब सेहत के कारण नहीं लड़ा था लोकसभा चुनाव
लंबे समय से बीमार चल रहे जेटली को मई में भी AIIMS में भर्ती कराया गया था।
पिछले साल वित्त मंत्री रहते हुए उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। उनके इलाज के दौरान पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया था।
पेशे से वकील जेटली को डायबिटीज की भी बीमारी थी, जिसके चलते उन्हें 2014 में ऑपरेशन करवाना पड़ा था।
अपनी सेहत के कारण उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर 2019 लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था।
राजनीतिक करियर
1973 से शुरू हुई जेटली की राजनीतिक पारी
केंद्रीय सरकार में कई अहम मंत्रालय संभाल चुके जेटली की राजनीतिक पारी की शुरुआत साल 1973 से हुई थी।
तब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े जेटली ने दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष का चुनाव जीता था।
इंदिरा गांधी द्वारा लगाई इमरजेंसी के दौरान जेटली राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय रहे, जिसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा।
जेटली का परिवार बंटवारे के समय पाकिस्तान से आकर दिल्ली बसा था।
राजनीति
प्रधानमंत्री मोदी के करीबी रहे हैं जेटली
जेटली प्रधानमंत्री मोदी के सबसे विश्वसनीय लोगों में शामिल रहे हैं।
यह प्रधानमंत्री के उन पर भरोसे का ही परिणाम था कि 2014 में सत्ता में आने पर उन्हें एक साथ वित्त, रक्षा और सूचना प्रसारण जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों का जिम्मा सौंपा गया।
मोदी सरकार के नोटबंदी और GST लागू करने के समय जेटली वित्त मंत्री थे।
सरकार के साथ-साथ वो पार्टी के लिए भी कई बार संकटमोचक की भूमिका निभा चुकेे हैं।