
अमेरिका द्वारा उठाई गई सुरक्षा चिंताओं की जांच के लिए भारत सरकार ने बनाई उच्चस्तरीय समिति
क्या है खबर?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत ने अमेरिका द्वारा उठाई गई सुरक्षा चिंताओं की जांच करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है।
बता दें कि अमेरिका ने हाल ही में भारत के साथ संगठित अपराधियों, बंदूक चलाने वालों और आतंकवादियों के बीच सांठगांठ से जुड़ी खुफिया जानकारी साझा की थी।
खालिस्तान समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश के खुलासे के बाद ये जानकारी साझा की गई थी।
बयान
निष्कर्षों के आधार पर होगी कार्रवाई- विदेश मंत्रालय
बागची ने कहा, "भारत-अमेरिका सुरक्षा सहयोग पर हालिया चर्चा के दौरान, अमेरिका ने संगठित अपराधियों, बंदूक चलाने वालों, आतंकवादियों और अन्य लोगों के बीच सांठगांठ से संबंधित जानकारी साझा की है। ये दोनों देशों के लिए चिंता का कारण हैं और हमने आवश्यक कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। 18 नवंबर को सरकार ने सभी प्रासंगिक पहलुओं की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया था। समिति के निष्कर्षों के आधार पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।"
मामला
क्या है मामला?
22 नवंबर कोफाइनेंशियल टाइम्स ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से कहा था कि अमेरिका ने खालिस्तान समर्थित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश को नाकाम किया था। अमेरिकी सरकार ने भारत के इस साजिश में शामिल होने का आरोप लगाते हुए भारत को 'चेतावनी जारी' की थी।
हालांकि, ये सामने नहीं आया कि ये साजिश क्या अमेरिका की चेतावनी के बाद स्थगित की गई या संघीय जांच ब्यूरो (FBI) ने इसमें हस्तक्षेप किया।
जांच
भारत ने पहले भी कही थी जांच की बात
पन्नू की हत्या की साजिश से जुड़ी रिपोर्ट सामने आने के अगले ही दिन विदेश मंत्रालय ने कहा था कि वो मामले की जांच कर रहा है। मंत्रालय ने कहा था कि अमेरिकी जानकारी को लेकर संबंधित विभागों द्वारा जांच की जा रही है।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा था, "भारत सरकार इस मुद्दे की जांच कर रही है। हमने अपनी अपेक्षा व्यक्त की है कि जो भी जिम्मेदार पाया जाए, उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।"
मामले
'हत्या की साजिश' पर भारत-कनाडा में भी चल रहा विवाद
19 जून को खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इसका आरोप भारत पर लगाया है। ट्रूडो का दावा है कि उनके पास मामले से जुड़े विश्वसनीय सबूत हैं।
इस मामले पर दोनों देशों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि भारत-कनाडा ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। हालांकि, भारत कनाडा के आरोपों को शुरू से नकारता रहा है।