निज्जर ने पाकिस्तान में ली हथियार चलाने की ट्रेनिंग, भारत में करना चाहता था हमले- रिपोर्ट
खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर को लेकर भारतीय खुफिया एजेंसियों ने नए खुलासे किए हैं। एजेंसियों द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि निज्जर ने पाकिस्तान में हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली थी। उसने कनाडा में भी हथियार प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए, जहां उसने एके-47, स्नाइपर राइफल और पिस्तौल जैसे हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग दी। उसने भारत में हमला करने के लिए कुछ लोगों को भेजा भी था।
रिपोर्ट में क्या खुलासे हुए हैं?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, निज्जर ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की मदद से पाकिस्तान में ट्रेनिंग ली थी और दूसरे खालिस्तानी नेताओं के साथ भी जुड़ा हुआ था। उसने पंजाब और भारत के अन्य हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को वित्त पोषित किया और कथित तौर पर भारतीय राजनीतिक और धार्मिक हस्तियों के खिलाफ हमलों को अंजाम देने के लिए कुछ लोगों को भारत भी भेजा था। एजेंसी ने कई हमलों की जानकारी भी साझा की है।
2012 में पाकिस्तान गया था निज्जर
रिपोर्ट के मुताबिक, निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) के प्रमुख जगतार सिंह तारा के संपर्क में आने के बाद 2012 में पाकिस्तान गया था। उसने खुद को बैसाखी जत्थे का सदस्य बताकर ये दौरा किया था। यहां पर तारा और ISI ने निज्जर को हथियारों की ट्रेनिंग दी। 2013 में निज्जर KTF में शामिल हो गया। 2013 में तारा ने अमेरिका के हरजोत सिंह बिरिंग और निज्जर को GPS उपकरणों की ट्रेनिंग देने के लिए कनाडा भेजा था।
नागरिकता के लिए फर्जी शादी की बात भी सामने आई
निज्जर ने 1996 में रवि शर्मा नाम से एक फर्जी पासपोर्ट बनवाया और कनाडा भाग गया। यहां उसने नागरिकता के लिए आवेदन करते हुए कहा कि भारत में उसका उत्पीड़न हो रहा है, क्योंकि वो एक 'विशेष सामाजिक समूह' से है। हालांकि, निज्जर को यहां सफलता नहीं मिली। इसके बाद निज्जर ने एक महिला से शादी की, जो खुद किसी दूसरे व्यक्ति से शादी कर कनाडा आई थी। इस महिला ने इमीग्रेशन पाने में निज्जर की मदद की।
न्यूजबाइट्स प्लस
निज्जर की 8 जून, 2023 को कनाडा में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसे लेकर भारत और कनाडा के बीच विवाद चल रहा है। कनाडा ने आरोप लगाया है कि निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय एजेंटों का हाथ है। भारत ने इन आरोपों को बेतुका और राजनीति से प्रेरित बताया है। दोनों देशों ने अपने-अपने यहां से एक-दूसरे के राजनयिकों को भी निकाल दिया है।