बुजुर्ग की पिटाई के वीडियो मामले में ट्विटर इंडिया प्रमुख को पुलिस का कानूनी नोटिस
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश पुलिस ने ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष महेश्वरी को नोटिस भेजकर एक सप्ताह के भीतर पूछताछ के लिए हाजिर होने को कहा है।
नोटिस में कहा गया है कि ट्विटर ने समाज में घृणा और विद्वेष फैलाने वाले ट्वीट्स का कोई संज्ञान नहीं लिया।
यह मामला एक बुजुर्ग के साथ मारपीट के वीडियो से जुड़ा हुआ है। इस मामले में किए गए ट्वीट्स को लेकर गाजियाबाद पुलिस ने पत्रकारों, नेताओं और ट्विटर के खिलाफ FIR दर्ज की है।
पृष्ठभूमि
क्या है पूरा मामला?
गाजियाबाद पुलिस ने इसी सप्ताह एक बुजुर्ग से मारपीट के मामले में ट्वीट करने को लेकर पत्रकार राणा अयूब, मोहम्मद जुबैर, कांग्रेस नेताओं और ट्विटर के खिलाफ FIR दर्ज की है।
FIR में कांग्रेस नेता सलमान निजामी, शमा मोहम्मद, मसकूर उस्मानी, लेखिका सबा नकवी, समाचार प्लेटफॉर्म द वायर आदि के नाम भी शामिल हैं।
पुलिस ने इनके खिलाफ दंगे भड़काने, समुदायों के बीच द्वेष भड़काने, धार्मिक भावनाएं आहत करने और आपराधिक साजिश रचने जैसे आरोप लगाए हैं।
नोटिस
FIR के बाद ट्विटर इंडिया के प्रमुख को भेजा गया नोटिस
इस मामले की जांच में गाजियाबाद पुलिस की तरफ से ट्विटर इंडिया के प्रमुख मनीष महेश्वरी को नोटिस भेजा गया है।
नोटिस में लिखा गया है कि कुछ लोगों द्वारा समाज में घृणा और विद्वेष फैलाने वाले संदेशों का ट्विटर ने कोई संज्ञान नहीं लिया, ऐसे कार्य तथा लेख को बढ़ावा दिया गया और समाज विरोधी संदेश को लगातार वायरल होने दिया गया।
महेश्वरी को एक सप्ताह में लोनी बॉर्डर थाने में आकर बयान दर्ज कराने को कहा गया है।
कार्रवाई
भारत में कानूनी कवच गंवा चुकी है ट्विटर
केंद्र सरकार के नए IT नियम लागू होने के बाद ट्विटर पर दर्ज हुआ यह पहला मामला है।
इन नियमों को न मानने के चलते ट्विटर भारत में 'सोशल मीडिया मध्यस्थ' का दर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत प्राप्त कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा खो चुकी है।
इसका मतलब यह हुआ कि अब यूजर्स की पोस्ट की जिम्मेदारी भी ट्विटर पर होगी और उनकी पोस्ट के लिए कंपनी पर कार्रवाई की जा सकेगी।
जानकारी
'कांग्रेस टूलकिट' मामले में हुई थी महेश्वरी से पूछताछ
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले महीने 'कांग्रेस टूलकिट' मामले में बेंगलुरू जाकर महेश्वरी से पूछताछ की थी।
यह पूछताछ भाजपा नेताओं के 'कांग्रेस टूलकिट' से जुड़े ट्विट्स पर मैनिपुलेटेड मीडिया का लेबल लगाने से संबंधित थी। इसके लिए स्पेशल सेल की टीम 31 मई को बेंगलुरू गई थी।
पुलिस का कहना था कि नोटिस का साफ जवाब न मिलने के बाद महेश्वरी से व्यक्तिगत तौर पर पूछताछ की गई थी।