ज्योतिरादित्य सिंधिया पर राहुल गांधी बोले- भाजपा में बैकबेंचर बने, कांग्रेस में रहते तो मुख्यमंत्री बनते
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज अपने पुराने साथी ज्योतिरादित्य सिंधिया पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि वह भाजपा में बैकबेंचर बन कर रह गए हैं और अगर वह कांग्रेस में ही रहते तो मुख्यमंत्री बन जाते। उन्होंने कहा कि भाजपा में रहते हुए सिंधिया कभी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे और इसके लिए उन्हें कांग्रेस में ही वापस आना होगा। बता दें कि यह पहली बार है जब सिंधिया के कांग्रेस छोड़ने पर राहुल गांधी ने कुछ कहा है।
क्या बोले राहुल गांधी?
समाचार एजेंसी ANI के सूत्रों के अनुसार, एक कार्यक्रम में कांग्रेस की यूथ विंग को पार्टी संगठन का महत्व समझाते हुए राहुल गांधी ने कहा, "सिंधिया अगर कांग्रेस के साथ रहते तो मुख्यमंत्री बन जाते, लेकिन भाजपा में वह बैकबेंचर बन गए हैं।" उन्होंने आगे कहा, "सिंधिया के पास कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ काम करके संगठन को मजबूत करने का विकल्प था। मैंने उनसे कहा था- एक दिन आप मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन उन्होंने अलग रास्ता चुन लिया।"
मुख्यमंत्री बनने के लिए सिंधिया को कांग्रेस में वापस आना होगा- राहुल
केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कार्यक्रम में यह भी कहा कि सिंधिया भाजपा में कभी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। उन्होंने कहा, "इसे लिख लें, वह भाजपा में कभी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। उन्हें इसके लिए यहां (कांग्रेस में) वापस आना होगा।" उन्होंने यूथ विंग के युवा कार्यकर्ताओं से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा से लड़ने की अपील की। इसके अलावा उन्होंने कार्यकर्ताओं को किसी से भी न डरने की हिदायत भी दी।
सिंधिया ने पिछले साल मार्च में की थी कांग्रेस से बगावत
बता दें कि राहुल गांधी के करीबी नेताओं में शामिल रहे सिंधिया ने पिछले साल 10 मार्च को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उनके बाद उनके खेमे के छह मंत्रियों समेत 22 कांग्रेस विधायकों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था और इससे राज्य में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई थी। सिंधिया इन "बागियों" के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे और अभी भाजपा की तरफ से राज्यसभा सांसद हैं।
इस कारण सिंधिया ने की थी बगावत
सिंधिया की इस बगावत के पीछे के अहम कारणों में राज्य में उन्हें लगातार दरकिनार किया जाना और शीर्ष नेतृत्व का उन्हें मिलने का समय न देना था। वह काफी समय से यह सब सहते आ रहे थे, लेकिन जब पिछले साल मार्च में राज्यसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने उन्हें पक्की सीट नहीं दी और उनकी जगह दिग्विजय सिंह को यह सीट दे दी तो उनके सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने पार्टी से बगावत कर दी।
मुख्यमंत्री न बनाए जाने के बाद से ही नाराज थे सिंधिया
बता दें कि सिंधिया 2018 मध्य प्रदेश विधानसभा के नतीजों के बाद से ही कांग्रेस से नाराज चल रहे थे। इस चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद वह मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, लेकिन कमलनाथ ने इस रेस में उन्हें पछाड़ दिया।