हरियाणा: खट्टर सरकार के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव गिरा
हरियाणा में भाजपा सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस यह प्रस्ताव लेकर आई थी, लेकिन उसे पर्याप्त समर्थन नहीं मिला और मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अपना बहुमत साबित करने में कामयाब रही। प्रस्ताव के समर्थन में 32 तो इसके खिलाफ 55 वोट पड़े, यानि 55 विधायकों ने खट्टर सरकार के समर्थन में वोट दिया जो बहुमत के आंकड़े 45 से 10 अधिक था।
सभी विधायकों ने पार्टी के हिसाब से दिया वोट
88 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान कुछ भी अप्रत्याशित नहीं हुआ और जैसी उम्मीद थी, विधायकों ने उसी हिसाब से वोट दिए। सरकार के समर्थन में वोट देने वाले 55 विधायकों में भाजपा के 40, जननायक जनता दल (JJP) के 10, चार निर्दलीय विधायक और गोपाल कांडा शामिल रहे। वहीं कांग्रेस के 31 और मेहम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में और सरकार के खिलाफ वोट दिया।
यह था अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के पीछे कांग्रेस का लक्ष्य
विधानसभा के आंकड़ों को देखते हुए पहले से ही भाजपा के बहुमत साबित करने की उम्मीद जताई जा रही थी और अविश्वास प्रस्ताव पेश करने वाली कांग्रेस को भी यह पता था। कांग्रेस ने किसान आंदोलन को राजनीतिक तौर पर भुनाने के लिए यह प्रस्ताव पेश किया था और उसने साफ कर दिया था कि वह इस प्रस्ताव के जरिए उन विधायकों को बेनकाब करना चाहती है जो किसानों के साथ नहीं हैं।
बहस के दौरान भूपेंद्र हुड्डा बोले- जब रोम जल रहा था, नीरो बांसुरी बजा रहा था
प्रस्ताव पर बहस के दौरान भी किसान आंदोलन और कृषि कानूनों का मुद्दा छाया रहा। प्रस्ताव पेश करते हुए कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, "जब रोम जल रहा था, नीरो बांसुरी बजा रहा था.. जब भी मैं कृषि कानूनों की बात करता हूं, सरकार कहती है कि ये केंद्रीय कानून हैं। लेकिन कृषि राज्य का विषय है।" वहीं विधायक रघुवीर सिंह ने कहा कि पहली बार मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर गांव में उतर नहीं पा रहे हैं।
अविश्वास प्रस्ताव पर ये बोले उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री
विपक्ष की आलोचना का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री और JJP प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव दिखाता है कि विपक्ष में निराशा है और कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सरकार में आना चाहती है। वहीं मुख्यमंत्री खट्टर ने कांग्रेस पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा, "कांग्रेस पार्टी अभी और नीचे जाएगी। आपका राजनीतिक भविष्य खत्म होने वाला है।" उन्होंने साफ किया कि तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा और इनमें केवल संशोधन होगा।
कृषि कानूनों के कारण किसानों में सरकार के प्रति जबरदस्त गुस्सा
बता दें कि पंजाब के साथ-साथ हरियाणा में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सबसे अधिक विरोध देखने को मिला है और किसान केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार से भी बेहद नाराज हैं। किसानों की नाराजगी के कारण खट्टर और चौटाला को अपनी कुछ सभाएं तक रद्द करनी पड़ी हैं। इसके अलावा किसानों ने कई विधायकों और सांसदों को भी गांवों में नहीं घुसने दिया है। प्रदर्शनों के दौरान सरकार ने किसानों पर बल प्रयोग भी किया है।