प्रदर्शनों में हिस्सा लेकर पंजाब लौट रहे चार किसानों की अलग-अलग दुर्घटनाओं में मौत
दिल्ली बॉर्डर पर जारी प्रदर्शनों में भाग लेकर पंजाब लौट रहे चार किसानों की दो अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में मौत हो गई। वहीं एक किसान की हार्ट अटैक के कारण दिल्ली में जान चली गई। घटना पर दुख व्यक्त करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार मृतकों के परिवार को आर्थिक सहायता देगी और दुर्घटना में घायल हुए किसानों के इलाज का खर्च उठाएगी। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
करनाल में हुई पहली दुर्घटना
मंगलवार को करनाल के पास हुई सड़क दुर्घटना में पटियाला जिले के रहने वाले दो किसानों की मौत हो गई और एक किसान चोटिल हो गया। पुलिस ने बताया कि किसान प्रदर्शन में हिस्सा लेकर वापस पंजाब लौट रहे थे। इसी दौरान करनाल के तरावड़ी फ्लाईओवर के पास एक ट्रक ने किसानों की ट्रैक्टर-ट्रॉली को टक्कर मार दी। मृतकों की उम्र 24 और 50 साल बताई जा रही है। घटना के बाद ट्रक ड्राइवर फरार हो गया।
मोहाली में हुई दुर्घटना में दो की मौत, सात घायल
पंजाब के मोहाली के पास हुई दूसरी दुर्घटना में दो किसानों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। ये किसान जिस वाहन में सवार होकर जा रहे थे, वह मोहाली के पास ट्रक से टकरा गया। दुर्घटना में जान गंवाने वाले किसानों की पहचान मोहाली निवासी दीप सिंह और फतेहगढ़ साहिब निवासी सुखदेव के रूप में हुई है। घायलों में से चार को PGI चंडीगढ़ और तीन को मोहाली के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने की घायलों से मुलाकात
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की है। वहीं पंजाब के ही रहने वाले एक और किसान की दिल्ली में हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई। दूसरी तरफ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने किसानों की मौत पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि राज्य सरकार मृतकों के परिवार को सहायता उपलब्ध कराएगी और घायलों के इलाज का खर्च वहन करेगी।
20 दिसंबर को 'श्रद्धांजलि दिवस' मनाएंगे किसान संगठन
सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन के नेताओं ने इस आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों की याद में 20 दिसंबर को 'श्रद्धांजलि दिवस' मनाने का आह्वान किया है। इस दिन पूरे देश में किसान मृतकों को श्रद्धांजलि देंगे।
क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।