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भारत के सिर्फ 63 अरबपतियों के पास है देश के बजट से ज्यादा पैसा

भारत के सिर्फ 63 अरबपतियों के पास है देश के बजट से ज्यादा पैसा

Jan 20, 2020
10:52 am

क्या है खबर?

भारत के शीर्ष एक प्रतिशत अमीर लोगों के पास देश के 70 प्रतिशत लोगों के कुल धन से चार गुना धन है। वहीं अगर भारत के अरबपतियों के कुल धन की बात की जाये तो यह देश के एक साल के बजट से भी ज्यादा है। दावोस में होने वाली वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम (WEF) की 50वीं सालाना बैठक से पहले जारी हुई ऑक्सफैम की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। आइये, इस रिपोर्ट के दूसरे महत्वपूर्ण बिंदु जानते हैं।

आर्थिक असमानता

तेजी से बढ़ रही है आर्थिक असमानता- रिपोर्ट

ऑक्सफैम की 'टाइम टू केयर' रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया के 2,153 अरबपतियों के पास इस धरती की 60 प्रतिशत आबादी यानी लगभग 4.6 अरब लोगों से ज्यादा संपत्ति है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पूरे विश्व में आर्थिक असमानता तेजी से फैल रही है। अमीर और तेजी से ज्यादा अमीर हो रहे हैं। पिछले एक दशक में अरबपतियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। हालांकि, पिछले साल (2019) उनकी कुल संपत्ति में गिरावट देखी गई है।

प्रतिक्रिया

इस आंकड़े से समझिये आर्थिक असमानता

रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दुनिया के 22 अमीर पुरुषों के पास एशिया की सभी महिलाओं से ज्यादा पैसा है। ऑक्सफैम इंडिया के CEO अमिताभ बेहर ने कहा कि अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ रही खाई को तब तक नहीं पाटा जा सकता, जब तक असामनता फैलाने वाली नीतियों के खिलाफ कदम नहीं उठाये जाते। ऐसा करने के लिए बहुत कम सरकारें प्रतिबद्ध हैं।

रिपोर्ट

आर्थिक असमानता के कारण बढ़ रही सामाजिक उथल-पुथल

WEF की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भेदभाव के चलते पिछले कुछ समय में हर महाद्वीप में सामाजिक उथल-पुथल देखने को मिली है। इनके शुरू होने की वजह बेशक भ्रष्टाचार, संविधान पर हमला या जरूरी चीजों के दाम बढ़ने आदि मुद्दे रहे हों, लेकिन इनके पीछे भेदभाव बड़ी वजह है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले तीन दशकों में वैश्विक भेदभाव कम हुआ है, लेकिन घरेलू आय में भेदभाव के मामले बढ़ रहे हैं।

जानकारी

अमीर हथिया रहे हैं गरीबों के मौके

ऑक्सफैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि 'सेक्सिस्ट' अर्थव्यवस्था भेदभाव की समस्या को और बढ़ा रही है। इससे अमीर तबके के लोग आम लोगों के खास तौर से गरीब लड़कियों और महिलाओं के मौके हथिया रहे हैं।

भारत की स्थिति

63 लोगों के पास भारत के बजट से ज्यादा धन

भारत के बारे में यह रिपोर्ट बताती है कि भारत के 63 अरबपतियों का धन 2018-19 के आम बजट से ज्यादा था। भारत का पिछले साल का बजट 24 लाख 42 हजार 200 करोड़ रुपये था। यानी सरकार ने जितना बजट 137 करोड़ की जनसंख्या वाले देश के लिए रखा था, उससे ज्यादा धन महज 63 अरबपतियों के पास है। यह उस देश का हाल है, जहां आज भी लाखों लोगों को भूखे पेट सोने पर मजबूर होना पड़ता है।

प्रतिक्रिया

अरबपतियों के अस्तित्व पर उठने लगे सवाल- बेहर

बेहर ने बताया, "हमारी टूटी हुई अर्थव्यवस्था आम लोगों की कीमत पर अरबपतियों और बड़े व्यापारिक घरानों की जेब भर रही है। इस बात में कोई हैरानी नहीं है कि लोगों ने अरबपतियों के अस्तित्व पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।" रिपोर्ट में कहा गया है कि घरों में काम करने वाली एक महिला को एक टेक कंपनी के CEO के एक साल के बराबर पैसा कमाने में कम से कम 22,277 साल लगेंगे।

जानकारी

आय में भेदभाव का उदाहरण

रिपोर्ट के मुताबिक, टेक कंपनी का CEO हर सेकंड 106 रुपये कमाता है। वह महज 10 मिनट में उतना पैसा कमा लेगा, जितना घर पर काम करने वाली एक महिला एक साल में कमा पाती है।

योगदान

महिलाओं की वजह से चल रहा अर्थव्यवस्था का चक्का

बेहर ने कहा कि आज की आर्थिक व्यवस्था में सबसे कम फायदा लड़कियों और महिलाओं का हो रहा है। वो लाखों करोड़ों घंटे खाना बनाने, सफाई करने, बच्चों और बड़ों की देखभाल करने में लगाती है। उनका बिना भुगतान वाला यह काम भारत की अर्थव्यवस्था, समाज और कारोबार को चला रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को पढ़ाई के लिए पर्याप्त मौके नहीं मिल पाते और वो अर्थव्यवस्था के निचले चक्कर में फंस गई हैं।

जानकारी

अमीरों पर कम टैक्स लगा रही सरकारें- रिपोर्ट

ऑक्सफैम ने कहा कि सरकारें अमीर लोगों और बड़े कारोबारों पर पर्याप्त टैक्स नहीं लगा रही हैं, जिसकी वजह से राजस्व की उगाही नहीं हो पा रही, जो गरीबी और भेदभाव को दूर करने में मदद कर सकता है।