
विदेश से भारतीयों को ला रहे विमानों को खाली छोड़नी होगी बीच की सीट- सुप्रीम कोर्ट
क्या है खबर?
विदेश से भारतीयों को वापस ला रहे एयर इंडिया के विमानों को अगले 10 दिन के बाद अपने विमानों में बीच की सीट खाली छोड़नी होगी। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया।
कोर्ट ने कहा कि ये सामान्य समझ की बात है कि कोरोना वायरस के खिलाफ सोशल डिस्टेंसिंग एक महत्वपूर्ण है।
इस आदेश का असर घरेलू उड़ानों पर भी पड़ सकता है जिनमें बीच की सीट खाली नहीं छोडी जा रही।
पृष्ठभूमि
अभी बीच की सीट को खाली नहीं छोड़ रहे एयर इंडिया के विमान
कोरोना वायरस संकट के कारण विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए भारत सरकार ने 'वंदे भारत' मिशन चलाया हुआ है जिसके तहत एयर इंडिया के विशेष विमानों और भारतीय नौसेना के जहाजों की मदद से भारतीयों को वापस लाया जा रहा है।
एयर इंडिया के इन विशेष विमानों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बीच की सीट को खाली नहीं छोडा जा रहा है और सबी सीटों पर यात्री बैठकर आते हैं।
याचिका
एयर इंडिया के पायलट ने डाली बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका
एयर इंडिया के एक पायलट देवन योगेश कणाणि ने मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि 7 मई से चलाई जा रहे अपने विशेष विमानों में एयर इंडिया नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के 23 मार्च के सर्कुलर में दिए गए बीच की सीट खाली रखने के आदेश का पालन नहीं कर रही है।
हाई कोर्ट ने एयर इंडिया को बीच की सीट खाली छोड़ने का आदेश दिया था।
अपील
आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे एयर इंडिया और सरकार
एयर इंडिया और केंद्र सरकार बॉम्बे हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए और उससे मामले पर तत्काल सुनवाई करने की मांग की।
आज ईद की छुट्टी के दिन मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबड़े ने एयर इंडिया से कहा, "ये सामान्य समझ है कि सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना महत्वपूर्ण है। बाहर कम से कम छह फुट की सोशल डिस्टेंसिंग होनी चाहिए, लेकिन विमानों के अंदर क्या?"
सुनवाई
सरकार ने कहा- विशेषज्ञों से सलाह के बाद लिया गया फैसला
एयर इंडिया और सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सीट खाली छोड़ना नहीं बल्कि टेस्टिंग और क्वारंटाइन कोरोना वायरस को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों से सलाह लेने के बाद सीट खाली नहीं छोड़ने का फैसला लिया गया है।
इस पर CJI ने कहा, "आप कैसे कह सकते हैं कि इससे यात्रियों को कोई नुकसान नहीं होगा? अगर आप एक-दूसरे के पास बैठे हो तो ट्रांसमिशन होगा।"
आदेश
6 जून के बाद बीच की सीट की बुकिंग न करने का आदेश
मेहता ने जब कोर्ट को बताया कि 6 जून तक की फ्लाइट की बुकिंग कर ली गई है तो सुप्रीम कोर्ट ने इसके बाद बीच की सीट की बुकिंग नहीं करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई के दौरान भी सरकार अपने नियमों में बदलाव कर सकती है। इससे सरकार के गाइडलाइंस में बदलाव का रास्ता साफ हुआ है।
कोर्ट ने हाई कोर्ट से 2 जून तक मामले पर फैसला लेने का अनुरोध किया है।
घरेलू उड़ानें
घरेलू उड़ानों में भी नहीं खाली छोड़ी जा रही बीच की सीट
बता दें कि आज से शुरू हुईं घरेलू उड़ानों में भी बीच की सीट को खाली नहीं छोड़ा जा रहा है और इस कारण सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का असर इन घरेलू उड़ानों पर भी पड़ सकता है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी बीच की सीट खाली छोड़े जाने की संभावना से इनकार कर चुके हैं। उनका कहना है कि ऐसा करने पर हवाई किराए आसमान पर पहुंच सकते हैं।