निर्भया कांड: दोषी पवन की क्यूरेटिव पिटिशन खारिज, अब केवल दया याचिका का विकल्प
क्या है खबर?
निर्भया कांड में फांसी की सजा पाए पवन की क्यूरेटिव पिटिशन खारिज हो गई है।
क्यूरेटिव पिटिशन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पवन की 3 मार्च को होने वाली फांसी पर रोक लगाने से मना कर दिया।
अब पवन के पास केवल राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने का विकल्प बचा है। अगर राष्ट्रपति यह याचिका खारिज कर देंगे तो चारों की उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी।
बाकी तीनों दोषियों के सारे कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं।
जानकारी
2013 में चारों को हुई थी फांसी की सजा
2013 में फांसी का सजा होने के बावजूद चारों दोषियों को अभी तक फांसी पर नहीं लटकाया जा सका है। चारों दोषी एक-एक कर सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका दायर कर रहे हैं ताकि फांसी को टाला जा सके।
निर्भया कांड
अब तक तीन बार जारी हो चुका है डेथ वारंट
चारों दोषियोें में से केवल पवन के पास कानूनी विकल्प बचे थे। इस वजह से बाकी दोषियों को भी फांसी नहीं हो पा रही थी।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट अभी तक कुल तीन बार डेथ वारंट जारी कर चुकी है। तीसरे डेथ वारंट की तारीख 3 मार्च है, लेकिन अभी पवन के पास बचे दया याचिका के विकल्प को देखते हुए चारों को इस दिन फांसी होना काफी मुश्किल लग रहा है।
याचिका
पवन ने खुद को बताया था नाबालिग
पवन ने फांसी से बचने के लिए घटना के समय खुद के नाबालिग होने का दावा किया था। पवन ने याचिका में कहा था कि वह घटना के समय नाबालिग और उसका ट्रायल गलत तरीके से किया गया था।
हाई कोर्ट में यह याचिका खारिज होने के बाद पवन ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन (SLP) भी दायर की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए कहा था कि इस मामले में कोई नया आधार नहीं है।
दया याचिका
दोबारा राष्ट्रपति के पास पहुंची अक्षय की दया याचिका
निर्भया कांड में एक और दोषी अक्षय ने फांसी से बचने के लिए राष्ट्रपति के पास दोबारा दया याचिका लगाई है। एक बार उसकी याचिका खारिज हो चुकी है।
शनिवार को उसने फिर से नई दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी है। उसके वकील एपी सिंह ने कहा कि राष्ट्रपति ने जो याचिका खारिज की थी, वह अधूरी थी।
इसलिए नई याचिका भेजी गई है। जानकारों के मुताबिक, दोषी फांसी टालने के लिए ऐसी तरकीबें अपना रहे हैं।
निर्भया कांड
क्या है निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामला?
16 दिसंबर, 2012 की रात अपने दोस्त के साथ फिल्म देखकर लौट रही 23 वर्षीय निर्भया के साथ छह लोगों ने दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप किया था।
इलाज के दौरान निर्भया ने दम तोड़ दिया था। इस घटना के बाद देशभर में प्रदर्शन हुए थे।
इस मामले में कुल छह आरोपी थे। इनमें से एक नाबालिग था और एक ने जेल में आत्महत्या कर ली।
बाकी बचे चारों दोषियों को 2013 में फांसी की सजा सुनाई गई है।