प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचा रहीं 'श्रमिक एक्सप्रेस' ट्रेनों के बारे में अहम बातें
केंद्र सरकार के आदेश पर लॉकडाउन के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे विशेष ट्रेनें चला रहा है। इन ट्रेनों को 'श्रमिक एक्सप्रेस' का नाम दिया गया है। ये ट्रेनें केवल देश के चुनिंदा रूटों पर चलाई जा रही हैं, हालांकि जरूरत पड़ने पर इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। आइए आपको इन 'श्रमिक एक्सप्रेस' ट्रेनों के बारे में विस्तार से बताते हैं।
10 राज्यों की मांग पर चल रही ट्रेनें
रेलवे के अनुसार, अभी 10 राज्यों की मांग श्रमिक एक्सप्रेस चलाई जा रही हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, केरल, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड और गुजरात शामिल हैं जो अपने प्रवासी मजदूरों को वापस लाना चाहते हैं। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ये ट्रेनें रोजाना चलेंगी और धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। केंद्र सरकार के आदेश के बाद शुक्रवार को पांच ट्रेनें और शनिवार को 10 ट्रेनें चलाई गईं।
एक ट्रेन में 24 डिब्बे, हर डिब्बे में 54 यात्री
ज्यादातर ट्रेनों में 24 डिब्बे हैं। इनमें से हर डिब्बे में 72 यात्री आ सकते हैं लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए एक डिब्बे में केवल 54 लोगों को ले जाया जा रहा है। हर ट्रेन में सफर करने वाले लोगों की संख्या लगभग 1,200 है। रेलवे ने राज्यों को इन ट्रेनों में सफर करने वाले मजदूरों से टिकट के पैसे इकट्ठे करने को कहा है और एक टिकट की कीमत 50 रुपये बढ़ा दी गई है।
रेलवे प्रदान करेगी केवल एक समय का खाना, बाकी जिम्मेदारी राज्यों पर
रेलवे केवल 12 घंटे से अधिक सफर वाली ट्रेनों में मजदूरों को एक समय का खाना प्रदान करेगी। वहीं राज्यों को यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने से पहले खाने के पैकेट और पानी प्रदान करने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा राज्यों को यात्रियों को 'आरोग्य सेतु' ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित करने को भी कहा गया है, ताकि उनके स्वास्थ्य का स्टेटस आसानी से चेक किया जा सके।
झारखंड ने की सबसे अधिक ट्रेनों की मांग
31 ट्रेनें मांगने वाला झारखंड सबसे अधिक विशेष ट्रेनों की मांग करने वाला राज्य है। अधिकारियों ने अनुसार, राज्य ने रेलवे को उसकी सेवाओं के लिए एडवांस में भुगतान कर दिया है। रेलवे ने इन श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों के बारे में एक गोपनीयता बनाई हुई है और आरंभ और गंतव्य स्टेशनों के अलावा अन्य कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा रही है। ये ट्रेनें नॉन-स्टॉप हैं यानि बीच में किसी भी स्टेशन पर नहीं रुकेंगी।
मुंबई और अन्य मेट्रो शहरों से नहीं चलेंगी श्रमिक एक्सप्रेस
कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र के सबसे अधिक प्रभावित शहर मुंबई से ट्रेनें नहीं चलाई जाएंगी। इसकी बजाय भिवंडी और वसई जैसे अन्य स्टेशनों से ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इसके अलावा किसी भी कंटेनमेंट जोन से इन विशेष ट्रेनों को न चलाने का फैसला लिया गया है। इसका मतलब किसी भी मेट्रो शहर से श्रमिक एक्सप्रेस नहीं चलेगी क्योंकि सभी मेट्रो शहर रेड जोन में आते हैं।
रेलवे के पास नियम तोड़ने पर ट्रेनें बंद करने का अधिकार
रेलवे मंत्रालय ने ये भी कहा है कि अगर सुरक्षा नियमों का पालन नहीं होता और किसी भी स्तर पर उन्हें तोड़ा जाता है तो रेलवे इन विशेष ट्रेनों को बंद करने का अधिकार रखता है।