सुप्रीम कोर्ट का आदेश, कोलकाता पुलिस कमिश्नर को गिरफ्तार नहीं कर सकती CBI

देश की राजनीति का केंद्र बने कोलकाता पुलिस बनाम केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि CBI पुलिस कमिश्नर को गिरफ्तार नहीं कर सकती। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को CBI को सारे सबूत सौंपने और चिटफंड से जुड़े मामले में पूरा सहयोग करने का आदेश दिया है। केंद्र सरकार ने राजीव पर सबूतों से छेड़छाड़ करने और आरोपी कंपनियों को बचाने का आरोप लगाया है।
Hearing in SC on West Bengal CBI matter: We will direct the Police Commissioner to make himself available and fully cooperate. We will deal with contempt petition later, observed CJI. pic.twitter.com/UfVrm75Jkq
— ANI (@ANI) February 5, 2019
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे 'नैतिक जीत' बताया है। कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा है कि राजीव कुमार के निर्देशों पर काम करे कोलकाता पुलिस के जांच अधिकारी ने लैपटॉप और फोन जैसे अहम सबूत शारदा चिटफंड घोटाले के मुख्य आरोपी को सौंप दिए थे। आदेश के बाद राजीव तटस्थ स्थान के तौर पर मेघालय की राजधानी शिलांग में CBI के सामने पेश होंगे।
The Police Commissioner of Kolkata Rajeev Kumar will appear before the Central Bureau of Investigation (CBI) in Shillong, Meghalaya as a neutral place. https://t.co/VUzsg9P9XN
— ANI (@ANI) February 5, 2019
मीडिया से बात करते हुए ममता ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती हैं। ममता ने कहा कि इस देश में कोई बिग बॉस नहीं है और लोकतंत्र ही देश का बिग बॉस है। उन्होंने कहा कि वह राजीव कुमार के लिए नहीं लड़ रही, बल्कि इस देश के करोड़ों लोगों के लिए लड़ रही हैं। धरना खत्म करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह सहयोगियों से बातचीत के बाद ही कोई फैसला लेंगी।
रविवार को CBI ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर पर छापा मारा था। CBI का आरोप है कि शारदा चिटफंड और रोजवैली चिटफंड घोटाले में राज्य सरकार द्वारा बनाई गए विशेष जांच दल (SIT) का अध्यक्ष होते हुए राजीव ने सबूतों से छेड़छाड़ की और आरोपियों को बचाया। CBI इस मामले में राजीव और SIT के अन्य सदस्यों से पूछताछ करना चाहती थी। लेकिन कोलकाता पुलिस ने उल्टे CBI के अधिकारियों को ही हिरासत में ले लिया।
ममता ने मामले को राजनैतिक रूप देते हुए मोदी सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया और धरने पर बैठ गईं। इसे लोकसभा चुनाव से पहले राजनैतिक माहौल बनाने और विपक्ष को एकजुट करने की उनकी कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है। ममता बीते दिनों में भाजपा पर काफी हमलावर रही हैं। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और योगी आदित्यनाथ का हेलीकॉप्टर उतरने नहीं दिया। इसके अलावा भाजपा को रथयात्रा करने की मंजूरी भी नहीं दी।