हाथरस मामला: सुप्रीम कोर्ट का आदेश, इलाहाबाद हाई कोर्ट करेगा CBI जांच की निगरानी
क्या है खबर?
हाथरस मामले पर सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि इलाहाबाद हाई कोर्ट मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) जांच की निगरानी करेगा।
मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट पीड़ित परिवार और गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने समेत मामले के सभी पहलुओं पर विचार करेगा। CBI को अपनी अंतिम स्टेटस रिपोर्ट भी इलाहाबाद हाई कोर्ट में ही जमा करनी होगी।
आदेश
मामले को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर करने पर अभी कोई फैसला नहीं
मामले को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग करने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश जारी किया। इन याचिकाओं में उत्तर प्रदेश में मामले की निष्पक्ष सुनवाई न होने की आशंका जाहिर की गई थी।
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस मांग को स्वीकार नहीं किया है और कहा कि मामले में CBI की जांच पूरी होने के बाद ही कुछ फैसला लिया जाएगा।
सुनवाई
पीड़िता के आधी रात अंतिम संस्कार पर सुनवाई कर रहा है इलाहाबाद हाई कोर्ट
बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट पहले से ही मामले में पुलिस की लापरवाही और पीड़िता के आधी रात अंतिम संस्कार के संबंध में सुनवाई कर रहा है और इसी कारण सुप्रीम कोर्ट ने बाकी मामलों को भी उसे सौंप दिया है।
हाई कोर्ट ने मामले में स्वतः संज्ञान लिया था और अंतिम संस्कार के तरीके पर गुस्सा जाहिर करते हुए शीर्ष पुलिस अधिकारियों से पूछा था कि क्या उनकी खुद की बेटी होती तो भी वे ऐसा ही करते।
मामला
क्या है पूरा मामला?
हाथरस के चंदपा थाने के अंतर्गत आने वाले एक गांव की 19 वर्षीय दलित युवती का गांव के ही चार उच्च जाति के युवकों ने 14 सितंबर को कथित गैंगरेप किया था। हमले में पीड़िता की रीढ़ की हड्डी टूट गई थी और उसकी जीभ भी कट गई थी। मंगलवार को उसने दिल्ली में दम तोड़ दिया।
नाइंसाफी की इंतेहा ये रही कि पुलिस ने परिजनों को घर में बंद करके आधी रात को ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
जानकारी
फॉरेंसिक रिपोर्ट में नहीं हुई रेप की पुष्टि, विशेषज्ञों ने उठाए रिपोर्ट पर सवाल
उत्तर प्रदेश पुलिस ने पीड़िता की फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर उसकी गैंगरेप न होने की बात भी कही था। हालांकि विशेषज्ञों ने इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि सैंपल काफी दिन बाद लिए गए।
राजनीति
राजनीति का केंद्र बना था मामला, पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे राहुल और प्रियंका
ये मामला एक बड़े राजनीतिक विवाद का भी कारण बना था और कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं ने इसे जोर-शोर से उठाया था।
राहुल और प्रियंका ने पीड़ित परिवार से मिलने की कोशिश भी की थी और प्रशासन ने पहले तो उन्हें रास्ते में ही रोक लिया, लेकिन फिर मिलने की इजाजत दे दी।
भीमा आर्मी प्रमुख चंद्रेशेखर आजाद समेत अन्य कई नेता भी पीड़ित परिवार से मिले थे।