
किसानों का 'रेल रोको' आंदोलन आज; 4 घंटे तक रोकेंगे ट्रेन, जानें कहां-कहां पड़ेगा असर
क्या है खबर?
किसानों और केंद्र सरकार के बीच कई दौर की बातचीत विफल रहने के बाद आज किसानों ने रेल रोको आंदोलन का आह्वान किया है। किसान आज दोपहर 12 से 4 बजे तक देशभर में रेल रोकेंगे। केवल पंजाब में ही 52 जगहों पर रेल रोकी जाएगी।
हालांकि, किसानों ने कहा कि ये आंशिक रेल रोको आंदोलन है और इस दौरान रेल यात्रियों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
जगह
कहां-कहां रोकी जाएगी रेल?
किसानों के आंदोलन का सबसे ज्यादा असर पंजाब और हरियाणा में देखने को मिल सकता है।
किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि सैकड़ों किसान फिरोजपुर, अमृतसर, रूपनगर और गुरदासपुर समेत पंजाब और हरियाणा के कई जिलों में रेलवे ट्रैक पर बैठेंगे। किसान नेताओं ने कहा कि किसानों के हित के लिए थोड़ी-सी असुविधा हो सकता है, लेकिन यह सबके लिए जरूरी है।
धारा 144
अंबाला में धारा 144 लागू
किसानों के आंदोलन को देखते हुए हरियाणा के अंबाला जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। राज्य में तनावग्रस्त इलाकों में भी पुलिस की तैनाती की गई है।
किसान नेता अमरजीत सिंह मोहरी, मलकीत सिंह और जंग सिंह भतेरडी ने कहा, "अंबाला में धारा 144 और अंबाला प्रशासन द्वारा दिए गए बयान सीधे तौर पर साबित करते हैं कि हरियाणा सरकार देश में लोकतंत्र और संविधान को कोई महत्व नहीं देती है।"
बयान
सरकार को जिम्मेदारी से नहीं भागना चाहिए- डल्लेवाल
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा, "सरकार 1.38 लाख करोड़ रुपये का पाम ऑयल आयात कर रही है, लेकिन वह किसानों को सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) देकर उन पर खर्च नहीं कर सकती। सरकार को अपनी जिम्मेदारी से भागना नहीं चाहिए। देश के किसानों को बचाने के लिए MSP पर कानून बनाना चाहिए। किसानों को स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक 'C2 प्लस 50 परसेंट' फॉर्मूले के तहत सभी फसलों पर MSP दिया जाना चाहिए।"
संगठन
आंदोलन में कौन-कौन है शामिल?
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा दिल्ली चलो मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां), भारतीय किसान यूनियन (दकौंदा-धनेर) और क्रांतिकारी संयुक्त किसान मोर्चा से संबद्ध किसान यूनियन भी इस आंदोलन में भाग लेंगी।
किसानों ने कहा कि रेल रोको आंदोलन में महिला किसान भी शामिल होंगी। किसान नेताओं ने कहा, "इस अभियान में नारी शक्ति बराबर की भूमिका निभाएगी और पंजाब के साथ देशभर में रेल रोकी जाएगी।"
मांग
क्या है किसानों की मांग?
किसानों की मांगों में MSP पर कानून, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, किसानों की कर्ज माफी, मुकदमे रद्द करना, वृद्ध किसानों को पेंशन, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सुधार, लखीमपुर खीरी मामले के दोषियों को सजा और भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 लागू करना प्रमुख हैं।
इसके अलावा किसान मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक, कीटनाशक, बीज और उर्वरक अधिनियम में संशोधन और विद्युत संशोधन विधेयक, 2020 को रद्द करने की मांग भी कर रहे हैं।