पंजाब विधानसभा चुनाव: किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने किया अपनी राजनीतिक पार्टी का ऐलान
क्या है खबर?
अपनी एकता के दम पर सरकार को झुकने पर मजबूर करने वाले किसान नेता अब राजनीतिक पारी शुरू करने जा रहे हैं।
हालांकि, आंदोलन के दौरान किसान नेताओं ने चुनाव नहीं लड़ने की बात कही थी, लेकिन अब पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने शनिवार को अपनी नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर दिया है।
इससे स्पष्ट हो गया है कि भविष्य में कई किसान नेता राजनीति में नजर आ सकते हैं।
ऐलान
चढूनी ने चंड़ीगढ़ में किया नई पार्टी का ऐलान
ABP न्यूज के अनुसार, किसान नेता चढूनी ने चंड़ीगढ़ में सुबह 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी नई राजनीतिक पार्टी के नाम का ऐलान किया है।
उन्होंने कहा, "पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी 'संयुक्त संघर्ष पार्टी' भी चुनाव लड़ेगी। इस पार्टी को मिशन पंजाब के तहत लॉन्च किया गया है।"
इस दौरान उन्होंने अपने इस मिशन के तहत फतेहगढ़ साहिब से एक प्रत्याशी के नाम का भी ऐलान किया है।
बयान
प्रदूषित हो गई है देश की राजनीति- चढूनी
पार्टी के नाम का ऐलान करने के बाद चढूनी ने कहा, "देश की राजनीति प्रदूषित हो गई है। इसे बदलने की जरूरत है। पूंजीवाद को बढ़ावा देने वाले नीति निर्माता उनके पक्ष में नीतियां बना रहे हैं। दूसरी ओर आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं किया जाता है। ऐसे में अब हमने अपनी नई संयुक्त संघर्ष पार्टी शुरू करने का फैसला किया हैं।"
उन्होंने कहा, "मैं अपनी पार्टी के तहत खुद चुनाव नहीं लडूंगा बल्कि अन्य किसानों को उतारूंगा।"
पृष्ठभूमि
भारतीय किसान संघ के नेता हैं चढूनी
बता दें कि चढूनी भारतीय किसान संघ (BKU) पंजाब के प्रमुख नेता है। कृषि कानूनों के खिलाफ चले आंदोलन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।
हालांकि, चाढूनी के राजनीति में आने के फैसले का संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने भी विरोध किया था और इसको लेकर उनमें तनातनी भी हुई थी, लेकिन चाढूनी अपने फैसले पर अडिग रहे थे। उस दौरान उन्होंने यह तो स्पष्ट कर दिया था कि वह खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे।
हिस्सा
पहले भी राजनीतिक पार्टी का हिस्सा रह चुके हैं चढूनी
बता दें कि चढूनी पहले भी एक एक राजनीतिक पार्टी का हिस्सा रह चुके हैं। चाढूनी की पत्नी बलविंदर कौर ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कुरुक्षेत्र सीट से आम आदमी पार्टी के टिकट पर किस्मत आजमाई थी।
हालांकि, उस चुनाव में उनकी जमानत जब्त हो गई और उसके बाद चढूनी ने खुद को राजनीति से दूर कर लिया था।
भाजपा ने चढूनी की इन राजनीतिक आकांक्षाओं को लेकर किसान आंदोलन की मंशा पर सवाल भी उठाया था।
विधानसभा चुनाव
पंजाब में अगले साल होने हैं विधानसभा चुनाव
पंजाब में अगले साल 170 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने हैं। सत्तारूढ़ कांग्रेस अभी रेस में थोड़ी आगे चल रही है, लेकिन अकाली दल बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करके उसे चुनौती देने की कोशिश में है। अभी राज्य में मुख्य विपक्षी दल की भूमिका निभा रही आम आदमी पार्टी (AAP) भी सबको चौंकाने का माद्दा रखती है।
इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और चढूनी के नई पार्टी का ऐलान करने से नए सीमकरण बन सकते हैं।