LOADING...
#NewsBytesExplainer: क्या था स्वामीनाथन आयोग और उसकी सिफारिशें, जिन्हें लागू करने की मांग कर रहे किसान?
किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने और MSP कानून की मांग कर रहे हैं

#NewsBytesExplainer: क्या था स्वामीनाथन आयोग और उसकी सिफारिशें, जिन्हें लागू करने की मांग कर रहे किसान?

लेखन नवीन
Feb 13, 2024
08:37 pm

क्या है खबर?

पंजाब और हरियाणा के किसानों ने सोमवार को एक बार फिर दिल्ली कूच किया है और उन्हें शहर की सीमाओं पर ही रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। प्रदर्शनकारी किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग कर रहे हैं। इस बीच राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आते ही इन सभी सिफारिशों को लागू करेगी। आइए जानते हैं कि स्वामीनाथन आयोग क्या था और इसने क्या सिफारिशें की थीं।

आयोग

क्या था स्वामीनाथन आयोग?

18 नवंबर, 2004 को केंद्र सरकार ने प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय किसान आयोग का गठन किया गया था और उन्हीं के नाम पर इस आयोग का नाम स्वामीनाथन आयोग पड़ा। आयोग ने देश में किसानों की आर्थिक दशा को सुधारने और पैदावार बढ़ाने के लिए 2006 में सरकार को अपनी 5 रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कई तरह की सिफारिशें की गई थीं। दुर्भाग्य से अब तक कोई सरकार इन सिफारिशों को पूरी तरह से लागू नहीं कर पाई।

सिफारिशें

क्या थीं आयोग की प्रमुख सिफारिशें?

स्वामीनाथ आयोग ने किसानों की बेहतरी के लिए कई सिफारिशें की थीं। इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) औसत लागत से 50 प्रतिशत ज्यादा रखने की सिफारिश प्रमुख थी, ताकि छोटे किसानों को फसल की उचित कीमत मिल सके। आयोग ने कहा था कि किसानों के लिए MSP कुछ ही फसलों तक सीमित न रहे और उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाले बीज कम दामों पर मिलें। इसके अलावा आयोग ने गांवों में किसान ग्रामीण ज्ञान केंद्र स्थापित करने की सिफारिश की थी।

Advertisement

अन्य सिफारिशें

आयोग ने और क्या सिफारिशें की थीं?

आयोग की बड़ी सिफारिशों में महिला किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड बनवाना भी था, ताकि वह ऋण लेकर अपनी फसलों को बेहतर बना सकें। आयोग ने कहा था कि किसानों के लिए कृषि जोखिम फंड बनाया जाए, ताकि प्राकृतिक आपदाएं आने पर उन्हें मदद मिल सके क्योंकि फसल बर्बाद होने पर किसान आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हो जाते हैं। आयोग ने जल संरक्षण, रोजगार उत्पादन और राज्य स्तर पर किसान आयोग बनाने की सिफारिशें भी की थीं।

Advertisement

MSP

क्या होता है MSP?

MSP एक न्यूनतम मूल्य है, जो सरकार निर्धारित करती है और किसानों की फसल को इस मूल्य या इससे अधिक पर खरीदा जाता है। इसका उद्देश्य किसानों को लागत से अधिक कमाई प्रदान करना और उन्हें बाजार की अस्थिरता से बचाना है। MSP का निर्धारण केंद्र सरकार की समिति द्वारा किया जाता है और ये समिति किसानों, विशेषज्ञों और राज्य सरकारों की राय लेती है। वर्तमान में MSP के दायरे में रबी और खरीफ की 24 फसलें आती हैं।

चिंताएं

किसान MSP पर कानून की मांग क्यों कर रहे हैं? 

दरअसल, किसानों को तय फसलों पर भी MSP का लाभ नहीं मिलता है और उनसे अक्सर MSP से कम कीमत पर फसल खरीदी जाती है। इसकी मुख्य वजह ये है कि MSP के लिए कोई कानून नहीं है। MSP केवल एक नियम है और व्यापारियों के लिए इस कीमत पर फसल खरीदना बाध्यकारी नहीं होता है। किसानों की मांग है कि कानून बनाकर व्यापारियों के लिए MSP पर फसल खरीदना बाध्यकारी किया जाए और ऐसा न करने पर कार्रवाई हो।

कौन

न्यूजबाइट्स प्लस

एमएस स्वामीनाथन को भारत में हरित क्रांति का जनक माना जाता है। उन्होंने गेहूं की एक बेहतरीन किस्म को पहचाना और इसके कारण भारत में गेहूं उत्पादन में भारी वृद्धि हुई। उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इनमें पद्मश्री (1967), पद्मभूषण (1972), पद्मविभूषण (1989), मैग्सेसे पुरस्कार (1971) और विश्व खाद्य पुरस्कार (1987) शामिल हैं। उन्हें इसी साल भारत रत्न दिया गया। सितंबर, 2023 में उनका 98 साल की उम्र में निधन हो गया था।

Advertisement