ED ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा से की पूछताछ, जानें क्या आरोप हैं
क्या है खबर?
भूमि अधिग्रहण में कथित अनियमितता से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से पूछताछ की।
हुड्डा से दिल्ली स्थित ED कार्यालय में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत पूछताछ की गई।
ये मामला 2004 से 2007 के दौरान हरियाणा के मानेसर में भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं से जुड़ा है। ED ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की FIR के आधार पर मामले में जांच शुरू की है।
मामला
क्या है मामला?
हुड्डा पर मुख्यमंत्री रहते निजी बिल्डरों को फायदा पहुंचाने का आरोप है।
दरअसल, 2004 में हरियाणा सरकार ने मानेसर में 912 एकड़ में बनने वाले औद्योगिक टाउनशिप के निर्माण की एक अधिसूचना निकाली थी। आरोप है कि ये अधिसूचना बिल्डरों के कहने पर निकाली गई।
इसके बाद बिल्डरों ने जमीनों को सस्ते दाम पर खरीद लिया और 2007 में इस अधिसूचना को रद्द कर दिया गया। इससे किसानों को करीब 1,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
आरोपी
CBI ने 34 लोगों को बनाया है आरोपी
इस मामले में पहले गुरुग्राम पुलिस और फिर CBI ने जांच शुरू की थी। CBI ने मामले में हुड्डा समेत 34 लोगों को आरोपी बनाया है। अब तक 108.79 करोड़ रुपये की संपत्ति भी जब्त की जा चुकी है।
2016 में ED ने PMLA के तहत मामले की जांच शुरू की थी। ED ने ABW इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, अतुल बंसल, सोना बंसल, महामाया एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, शशिकांत चौरसिया, दिलीप ललवानी, वरिंदर उप्पल, विजय उप्पल समेत कई लोगों को आरोपी बनाया है।
घोटाले
जमीन घोटाले के अन्य मामले में भी आरोपी हैं हुड्डा
हुड्डा जमीन घोटाले के एक अन्य मामले में भी आरोपी हैं। आरोप है कि अगस्त, 2014 में निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के साथ मिलीभगत कर गुरुग्राम जिले की करीब 400 एकड़ जमीन सस्ते दामों में खरीदी थी।
इसके अलावा हुड्डा पर 2013 में अपने परिचितों को पंचकूला में 14 औद्योगिक भूखंड बाजार से कम कीमत पर बेचने का भी आरोप है। इस मामले की भी ED जांच कर रही है।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
15 सितंबर, 1947 को जन्मे हुड्डा भारत की संविधान सभा के सदस्य रहे रणवीर सिंह हुड्डा के बेटे हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई की है और बार काउंसिल ऑफ पंजाब एंड हरियाणा के सदस्य भी हैं।
हुड्डा ने कांग्रेस में ब्लॉक कांग्रेस समिति के सदस्य से लेकर सांसद और फिर हरियाणा के मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया है।
फिलहाल वे हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं।