हिट-एंड-रन कानून: ट्रक चालकों की देशभर में हड़ताल, पेट्रोल पंपों पर लगी वाहनों की भीड़
क्या है खबर?
हिट-एंड-रन पर केंद्र सरकार के नए कानून के खिलाफ देशभर में ट्रक, डंपर और बस चालक इस समय हड़ताल पर हैं।
इस विरोध के कारण सब्जी और पेट्रोल-डीजल जैसी बुनियादी चीजों की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। यदि यह विरोध-प्रदर्शन और लंबा चला तो देशभर में पेट्रोल-डीजल की किल्लत हो सकती है।
इसी आशंका के कारण लोगों में पहले से ही ईधन खरीदने की होड़ लग गई है और पेट्रोल पंपों पर वाहनों की कतार लगी हुई है।
कारण
क्यों हड़ताल पर हैं ट्रक और बस चालक?
दरअसल, भारतीय न्याय संहिता (BNS) में हिट-एंड-रन को लेकर नया कानून बनाया गया है।
इस कानून के तहत यदि कोई ट्रक या डंपर चालक किसी व्यक्ति को कुचलकर भागता है और इसके बारे में अधिकारियों को सूचित नहीं करता तो उसे 10 साल तक की सजा होगी और जुर्माना भी देना होगा।
इसी कानून के खिलाफ ट्रक चालक, कैब चालक समेत सभी बिहार, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं।
मांग
प्रदर्शनकारियों की क्या मांग है?
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि इस कानून को वापस लिया जाए तो कुछ ने इस कानून में बदलाव की मांग की।
ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने कहा, "सरकार से हमारी एकमात्र मांग यह है कि यह निर्णय हमारे हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद लिया जाना चाहिए था। इस पर किसी से कोई चर्चा नहीं की गई और न ही किसी से इस बारे में पूछा गया।"
असर
विरोध का हो रहा व्यापक असर
पेट्रोल पंपों तक ईंधन पहुंचाने वाले हजारों टैंकरों के चालक विरोध का हिस्सा हैं। इन सभी के हड़ताल में शामिल होने से कई शहरों में ईंधन संकट खड़ा हो गया है। पंजाब के कई पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल खत्म हो गया है।
औरंगाबाद में पेट्रोल पंप डीलरों के एक संघ ने कहा है कि जिले में ईंधन पंप मंगलवार तक बंद हो सकते हैं।
कई जगह फल, सब्जी, दूध, कृषि के सामानों की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है।
ईंधन संकट
कई शहरों में खड़ा हुआ ईंधन संकट
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से जुड़े लोगों का कहना है कि देश में 95 लाख ट्रक-टैंकर हैं। इनमें से 30 लाख से अधिक की सेवाएं ठप हो गई हैं, जिससे आपूर्ति प्रभावित हो रही है।
हड़ताल के कारण देश के कई शहरों में पेट्रोल पंपों पर ईंधन ही खत्म हो गया है।
भोपाल समेत कई बड़े शहरों में वाहनों की लंबी लाइन देखने को मिल रही है। लोग अपने वाहनों का टैंकर फुल करवाना चाहते हैं।
हिंसक
पटना से पुणे तक विरोध-प्रदर्शन हुआ हिंसक
देश के कई राज्यों में विरोध-प्रदर्शन हिंसक हो गया है। पटना में टायर जलाए गए और सड़कें अवरुद्ध की गईं। ट्रक चालकों ने नए कानून के खिलाफ नारे लगाए और सवाल उठाए कि अगर वे 10 साल तक जेल में रहेंगे तो उनके परिवारों का भरण-पोषण कौन करेगा।
ट्रक चालकों ने सोमवार को महाराष्ट्र में कई स्थानों पर "रास्ता रोको" प्रदर्शन किया। ठाणे में प्रदर्शनकारियों ने मुंबई-अहमदाबाद हाईवे जाम कर दिया और पुलिस पर पथराव किया।
विरोध प्रदर्शन
पंजाब, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी भारी विरोध-प्रदर्शन
पंजाब में भी ट्रक चालक हड़ताल पर हैं और चेतावनी दी है कि कानून वापस नहीं लिया गया तो वह हड़ताल को अनिश्चितकालीन के लिए बढ़ा देंगे।
मध्य प्रदेश के धार में निजी बस और ट्रक चालकों ने पीतमपुर हाईवे पर जाम लगा दिया।
छत्तीसगढ़ में 12,000 से अधिक निजी बस चालकों ने सोमवार को हड़ताल की घोषणा की, जिससे रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और राजनांदगांव सहित अन्य शहरों के बस स्टेशनों पर सैकड़ों यात्री फंसे रहे।
जानकारी
पिछला कानून क्या था?
पहले भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाने), 304A (लापरवाही से मौत) और 338 (जान जोखिम डालने) के तहत मामला दर्ज किया जाता था। इनके तहत आरोपी की पहचान होने पर 2 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान था।