करनाल महापंचायत: हरियाणा सरकार के साथ बेनतीजा रही वार्ता, किसानों ने किया लघु सचिवालय का घेराव
क्या है खबर?
करनाल में किसानों पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में मंगलवार को करनाल में बुलाई गई महापंचायत में भारी संख्या में किसान जुटे।
प्रशासन ने भी महापंचायत को लेकर पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने किसानों को बातचीत के लिए न्यौता भेज दिया।
तीन दौर की वार्ता में कोई निर्णय नहीं निकलने पर किसानों ने जिला सचिवालय के घेराव का ऐलान कर दिया। इसके बाद किसानों ने लघु सचिवालय का घेराव कर लिया।
पृष्ठभूमि
पुलिस ने किया था किसानों पर लाठीचार्ज
बता दें कि 28 अगस्त को करनाल में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर सहित अन्य भाजपा नेताओं को रोकने की कोशिश कर रहे किसानों पर पुलिस ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज कर दिया था।
इसमें कई किसान घायल हो गए थे। उसके बाद किसानों ने राज्यभर में कई हाईवे जाम कर दिए थे।
इसके अलावा लाठीचार्ज का आदेश देने वाले उपखंड अधिकारी सहित दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को महापंचायत का आह्वान किया था।
परिणाम
महापंचायत के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे किसान
महापंचायत के आह्वान पर सोमवार से ही बड़ी संख्या में किसानों का कृषि मंडी में पहुंचना शुरू हो गया था। खराब मौसम के बाद भी किसान ट्रैक्टर, बाइक और अन्य वाहनों से महापंचायत स्थल पर पहुंच रहे थे।
इसको देखते हुए प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए और चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया।
इसके बाद सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने किसान नेताओं को मांगों पर बातचीत के लिए न्यौता भेजा था।
वार्ता
किसानों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने की प्रशासन से वार्ता
अनाज मंडी के मंच पर प्रशासन के बुलावे के बाद किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी, सुरेश कौथ, दर्शन पाल, रामपाल चहल, बलबीर सिंह राजेवाल, योगेंद्र यादव, इंद्रजीत सिंह, अजय राणा, सुखबिंदर चहल, विकास शिखर के नाम प्रशासन से वार्ता करने के लिए तय किए गए।
इसके बाद किसानों का 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने करनाल के उपायुक्त निशांत कुमार यादव के नेतृत्व में प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता की, लेकिन इसमें कोई नतीजा नहीं निकल सका।
मांग
किसानों ने प्रशासन के सामने ये रखी थी मांग
वार्ता में किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने प्रशासन के सामने लाठीचार्ज में जान गंवाने वाले किसान सुशील काजल के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, सभी घायल किसानों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने और लाठीचार्ज के आदेश देने वाले SDM, DSP व दूसरे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग रख दी।
इस पर प्रशासनिक अधिकारी कोई ठोस आश्वासन नहीं दे पाए। इसके बाद किसान नेता बैठक छोड़कर आ गए।
बयान
महापंचायत में ही किया जाएगा आगे का निर्णय- टिकैत
प्रशासनिक अधिकरियों से वार्ता विफल होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, "सरकार हमारी मांगें नहीं सुन रही है। अब हमें फैसला करना होगा। हमारे पास कोई रास्ता नहीं बचा है। ऐसे में हम महापंचायत ही जाएंगे, चाहे पुलिस हमें गिरफ्तार कर ले।"
ऐलान
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने किया लघु सचिवालय के घेराव का ऐलान
प्रशासन से वार्ता विफल होने के बाद सभी किसान नेता महापंचायत के लिए अनाज मंडी में पहुंच गए। इस दौरान किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल के कहा कि सरकार और प्रशासन मांगे नहीं मान रहा है। ऐसे में आंदोलन को तेज करना होगा।
इसके बाद उन्होंने लघु सचिवालय के घेराव के ऐलान कर दिया। इसके बाद ही किसानों ने लघु सचिवालय की ओर कूच शुरू कर दिया। इसको देखते हुए प्रशासन ने भी सचिवालय की और सुरक्षा बढ़ा दी।
चुनौती
पुलिस ने किसानों को चौथे नाके पर रोका
जिला सचिवालय का घेराव करने के लिए रवाना हुए किसानों को पुलिस ने हाईवे पर तीन नाके पार करने के बाद रोक लिया।
नमस्ते चौक पर लगे चौथे नाके पर प्रशासन ने 40 रोडवेज बसें बुला ली। इस दौरान किसानों ने अपनी गिरफ्तारी देने की भी घोषणा कर दी।
वहीं, कुछ किसान फ्लाईओवर से नमस्ते चौक से आगे निकल गए। पुलिस अब उन्हें अगले नाके पर रोकने की योजना बना रही है। पुलिस ने फिलहाल कोई सख्ती नहीं की है।
वाटर कैनन
पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए किया वाटर कैनन का इस्तेमाल
पुलिस के तमाम इंतजामों को धता बताते हुए किसान लघु सचिवालय के बेहद करीब पहुंच गए।
इस दौरान किसानों ने पुलिस की बेरिकेडिंग को तोड़ दिया। इस पर पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल करते हुए किसानों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन किसान पानी की बौछारों के बीच होते हुए लघु सचिवालय के दरवाजे तक पहुंच गए।
इसके बाद सभी किसान वहां धरने पर बैठ गए। किसानों का कहना है कि वह मांगे पूरी होने तक नहीं उठेंगे।
तैयारी
प्रशासन ने किसानों को रोकने के लिए की थी यह तैयारी
प्रशासन ने ऐहतियात के तौर पर अनाज मंडी के सभी पांचों प्रवेश द्वारों पर अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया था। इसके अलावा 18 जगहों पर नाके लगाए गए थे।
जीटी रोड से लघु सचिवालय तक के रास्ते और शहर से लघु सचिवालय तक पहुंचने वाले रास्तों को भी बंद कर दिया था।
इसी तरह करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, पानीपत और जींद में सोमवार रात 12 बजे से मंगलवार रात 11:59 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं को भी बंद कर दिया है।
तैनाती
सुरक्षा के लिए तैनात की गई है 40 कंपनियां
करनाल के SP गंगाराम पुनिया ने बताया कि पूरे जिले में धारा-144 लागू है। किसानों को लघु सचिवालय तक पहुंचने से रोकने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की 10 कंपनियों सहित कुल 40 कंपनियां तैनात की हैं। इसी तरह 5 SP और 25 HPS कम DSP की ड्यूटी लगाई है।
इनके साथ वाटर कैनन और ड्रोन भी तैनात किए गए हैं। शहर का लगभग पूरा हिस्सा सील है। करनाल, गुड़गांव, रोहतक, हिसार, रेवाडी रेंज की पुलिस को भी बुलाया गया है।