पंजाब: कोरोना महामारी के बीच आज टिकरी बॉर्डर कूच करेंगे 1,650 गांवों के 20,000 किसान
देश में चल रही कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने सभी राज्यों को घुटनों पर ला दिया है। महामारी के बचाव के लिए राज्य सरकारों ने लॉकडाउन, कर्फ्यू सहित कई सख्त पाबंदियां लागू की है, लेकिन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों को इन पाबंदियों की परवाह नहीं है। यही कारण है पंजाब के 1,650 गांवों के 20,000 किसान बुधवार को राज्य की तीन सीमाओं से विभिन्न वाहनों के जरिए दिल्ली स्थित टिकरी बॉर्डर के लिए कूच करेंगे।
देश में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 2,95,041 नए मामले सामने आए और 2,023 मरीजों की मौत हुई। देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,56,16,130 हो गई है। इनमें से 1,82,553 की मौत हो गई है। सक्रिय मामलों की संख्या 21,57,538 है।
इन तीन बॉर्डरों से रवाना होंगे किसान
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार टिकरी बॉर्डर के लिए रवाना होने वाले सभी किसान भारतीय किसान यूनियन (उग्राहन) के सदस्य हैं। BKU उग्रहन के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलन ने कहा, "दिल्ली के लिए रवाना होने वाले 20,000 किसानों में से 60 प्रतिशत महिलाएं होंगी। पुरुष किसान अभी खेतों में व्यस्त हैं तो महिलाओं को जिम्मेदारी संभालनी होगी।" उन्होंने कहा ये सभी बठिंडा-डाबवली, खनौरी-जींद और सर्दुलगढ़-फतेहाबाद बॉर्डरों से बसों, वैन और ट्रैक्टरों से टिकरी बॉर्डर पहुंचेंगे।
इनके नेताओं के नेतृत्व में रवाना होंगे किसान
खनौरी-जींद बॉर्डर से रवाना होने वाले काफिले का नेतृत्व संघ के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उग्राहन और महासचिव कोकरीकलन करेंगे। उग्रहान को मार्च में कोरोना संक्रमित पाया गया था, लेकिन वह अब इससे उबर चुके हैं। इसी तरह बठिंडा-डबवाली सीमा से निकलने वाले किसानों के काफिले का नेतृत्व उपाध्यक्ष शिंगारा सिंह मान करेंगे। इसके अलावा सर्दुलगढ़-फतेहाबाद बॉर्डर से रवाना होने वाले किसानों को नेतृत्व राज्य समिति के सदस्य राम सिंह भनीबाग करेंगे।
कोरोना संक्रमित होने के कारण नहीं जाएंगी महिला विंग की अध्यक्ष
कोकरीकलन ने बताया कि किसानों में सबसे अधिक संख्या महिलाओं की होगी, लेकिन कोरोना संक्रमित होने के कारण महिला विंग की अध्यक्ष हरिंदर कौर बिंदू उनके साथ नहीं जा सकेगी। बिंदू ने कहा, "मैंने कोरोना संक्रमण का सकारात्मक परीक्षण किया था और मैं इन दिनों घर में क्वारंटाइन हूं। हालांकि, मेरी रिपोर्ट निगेटिव आ गई है, लेकिन मेरा चार का क्वारंटाइन अभी भी बाकी हैं। मैं अगले सप्ताह टिकरी बॉर्डर के लिए निकलूंगी।"
आंदोलन को मजबूती देने के उद्देश्य से रवाना हो रहे किसान
बिंदू ने कहा कि फसल कटाई का समय होने के कारण राज्य के अधिकतर किसान आंदोलन स्थल पर जाने के लिए समक्ष नहीं थे। हालांकि, बीच-बीच में किसान दिल्ली की सीमाओं पर जा रहे थे, लेकिन अब बड़ी संख्या में किसान रवाना हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इतनी संख्या में किसानों के टिकरी बॉर्डर पहुंचने से आंदोलन में और अधिक मजबूती आएगी और सरकार को किसानों की मांगे माननी पड़ेगी। किसान मांगे पूरी कराकर ही रहेंगे।
कोरोना महामारी की पाबंदियों के बीच रवाना होगा पहला बड़ा काफिला
बता दें कि तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पंजाब और हरियाणा में सख्त पाबंदियां लागू है। इसी तरह दिल्ली में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लागू है। इतनी पाबंदियों के बीच दिल्ली की सीमाओं की ओर बढ़ने वाला यह पहला बड़ा काफिला होगा।
क्यों आंदोलन कर रहे हैं किसान?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए सितंबर, 2020 में तीन कानून लेकर लाई है। इनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है।