Page Loader
महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर लगाया घर में नजबंद किए जाने का आरोप
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर लगाया घर में नजरबंद करने का आरोप।

महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर लगाया घर में नजबंद किए जाने का आरोप

Sep 07, 2021
03:20 pm

क्या है खबर?

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को खुद को घर में नजरबंद किए जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर उन्हें दक्षिण कश्मीर के कुलगाम की यात्रा के लिए घर से निकलने से रोके जाने का दावा किया है। उन्होंने सुबह इस संबंध में ट्वीट करते हुए अपने खिलाफ कार्रवाई के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की खिंचाई की है।

ट्वीट

'भारत सरकार जानबूझकर कर रही है कश्मीरियों के अधिकारों का हनन'

मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'भारत सरकार अफगान लोगों के अधिकारों के लिए तो चिंता जता रही है, लेकिन जानबूझकर कश्मीरियों के अधिकारों का हनन कर रही है। मुझे आज नजरबंद किया गया है, क्योंकि प्रशासन के अनुसार कश्मीर में स्थिति अभी भी सामान्य नहीं हुई है। यह उनके सामान्य स्थिति होने के फर्जी दावों को उजागर करता है।' मुफ्ती ने ट्वीट के साथ आवास के बंद दरवाजे और बाहर खड़े एक सेना के ट्रक की तस्वीरें भी साझा की है।

ट्विटर पोस्ट

यहां देखें महबूबा मुफ्ती का ट्वीट और फोटो

बयान

पुलिस ने मुफ्ती के नजरबंदी के आरोपों को नकारा

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमें क्षेत्र में सुरक्षा तैनात करने की आवश्यकता है क्योंकि मुफ्ती को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई हैं। हमने उन्हें घर में नजरबंद नहीं किया है। उन्हें केवल आज नहीं आने की सलाह दी गई थी।"

हालात

गिलानी की मौत के बाद से पूरे कश्मीर में लागू है पाबंदियां

विशेष रूप से, अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की मौत के बाद किसी भी विरोध प्रदर्शन की संभावना के चलते कश्मीर घाटी में विभिन्न प्रतिबंध लगाए गए थे। इससे पहले मंगलवार को पुलिस ने कहा कि अधिकांश प्रतिबंधों में ढील दे दी गई है और स्थिति सामान्य है। 91 वर्षीय गिलानी की बुधवार को मौत हो गई और किसी भी विरोध या सभा को रोकने के लिए भारी सुरक्षा तैनाती के बीच गुरुवार तड़के उन्हें दफना दिया गया था।

घटनाक्रम

मुफ्ती ने किया था गिलानी के परिवार के आरोपों का समर्थन

मुफ्ती ने इससे पहले गिलानी के परिवार के समर्थन में ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था, 'एक परिवार को उनकी इच्छा के अनुसार शोक करने और अंतिम विदाई देने की अनुमति नहीं है।' मृतक नेता के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि उन्हें उचित अंतिम संस्कार करने की अनुमति नहीं दी गई और पुलिस ने उनकी पिटाई की। हालांकि, पुलिस ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि अंतिम संस्कार रीति-रिवाजों के अनुसार किया गया था।

जम्मू-कश्मीर

प्रधानमंत्री के साथ सर्वदलीय बैठक के बाद से कोई प्रगति नहीं- मुफ्ती

बता दें कि 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया था। उस दौरान सरकार ने इंटरनेट सेवाओं को बंद करते हुए कई प्रमुख नेताओं को नजरबंद भी कर दिया था। इस साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीन के नेताओं के सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। हालांकि, मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि उस बैठक के बाद समाधान की ओर कोई प्रगति नहीं हुई है।