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#NewsBytesExplainer: क्या है शराब नीति मामला और केजरीवाल इसमें क्यों घिरे हुए हैं?
शराब नीति में केजरीवाल क्यों और कैसे आए ED की रडार पर

#NewsBytesExplainer: क्या है शराब नीति मामला और केजरीवाल इसमें क्यों घिरे हुए हैं?

लेखन महिमा
Jan 04, 2024
03:56 pm

क्या है खबर?

आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब नीति मामले में घिरते हुए नजर आ रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें अब तक 3 बार समन जारी कर चुकी है, जिन पर वो पेश नहीं हुए। अब ED चौथा समन भेजने की तैयारी में है। इस बीच AAP ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका जताई है। आइए जानते हैं कि शराब नीति से संबंधित ये मामला क्या है और केजरीवाल पर क्या आरोप हैं।

नीति 

क्या थी दिल्ली की नई शराब नीति? 

दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को एक नई शराब नीति लागू की थी। इसका उद्देश्य राजस्व बढ़ाने और शराब माफियाओं और नकली शराब पर अंकुश लगाना था। इसके तहत सरकारी ठेके बंद कर दिए गए और शराब का लाइसेंस निजी दुकानों को दिया जाने लगा। इसके अलावा शराब की दुकानों को आधी रात के बाद खुलने और डिस्काउंट पर शराब बेचने की अनुमति भी दी गई। सरकार ने इससे राजस्व में 27 प्रतिशत की वृद्धि का दावा किया था।

विवाद 

कैसे शुरू हुआ था विवाद?

दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने 8 जुलाई 2022 को उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें शराब नीति में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया। इस रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने शराब नीति की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से जांच कराने की सिफारिश की और भ्रष्टाचार के लिए तत्काली आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया को जिम्मेदार ठहराया। सवालों के घेरे में आने के बाद 31 जुलाई, 2022 को दिल्ली सरकार ने नीति को वापस ले लिया।

अनियमितता

नीति में किन अनियमितताओं का आरोप?

कुमार ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सिसोदिया ने कमीशन लेकर शराब की दुकानों का लाइसेंस लेने वालों को अनुचित लाभ पहुंचाया। सिसोदिया पर उपराज्यपाल की मंजूरी लिए बिना कोरोना महामारी का हवाला देकर 144.36 करोड़ रुपये की निविदा लाइसेंस फीस माफ करने का आरोप लगे थे। इसके अलावा बिना अनुमति के विदेशी बीयर पर 50 रुपये प्रति बॉक्स का आयात शुल्क भी हटाया गया, जिससे विदेशी बीयर सस्ती हो गईं और राजकोष को नुकसान हुआ।

शिकंजा

मामले में AAP के कौन से नेता ED के शिकंजे में?

इस मामले में पहले CBI और फिर ED सिसोदिया को गिरफ्तार कर चुकी हैं। उन्हें सबसे पहले पिछले साल 26 फरवरी को CBI ने उनके घर से गिरफ्तार किया था। पिछले साल 4 अक्टूबर को ED ने AAP के दूसरे बड़े नेता संजय सिंह को गिरफ्तार किया। ED की चार्जशीट के मुताबिक, सिंह ने शराब घोटाले के आरोपी व्यापारी दिनेश अरोड़ा से मुलाकात की थी। सिंह और सिसोदिया ने आरोपों को खारिज किया है।

कारण 

केजरीवाल कैसे ED की रडार पर आए?

पिछले साल फरवरी में ED ने कोर्ट में दाखिल अपनी चार्जशीट में कहा था कि केजरीवाल ने मुख्य आरोपियों में से एक समीर महेंद्रू के साथ वीडियो कॉल पर बात की थी। इसमें उन्होंने आरोपी विजय नायर को अपना बंदा बताया था और उस पर भरोसा करने को कहा था। नायर पर घोटाले की साजिश रचने और इसका सूत्रधार होने का आरोप है। फिलहाल वो मामले में सरकारी गवाह हैं और उन्हीं के बयानों पर केस टिका हुआ है।

आधार  

केजरीवाल पर क्या आरोप?

ED की चार्जशीट के अनुसार, नायर ने समीर से कहा था कि नई शराब नीति केजरीवाल के दिमाग की उपज है और दोनों के बीच 2 बैठकें हुई थीं, लेकिन जब बात नहीं बनी तो नायर ने वीडियो कॉल पर समीर की केजरीवाल से बात करवाई। नायर ने पूछताछ में यह भी कहा था कि उसने केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात भी की थी। इसी आधार पर ED केजरीवाल को पूछताछ के लिए 3 समन भेज चुकी है।

जानकारी

कौन है आरोपी समीर महेंद्रू?

देश के बड़े शराब कारोबारी के तौर पर पहचान रखने वाले समीर महेंद्रू शराब कंपनी इंडोस्पिरिट्स के मालिक हैं। ED ने समीर पर शराब नीति से जुड़ी कथित अनियमितताओं की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है।