
एयरलाइंस को इस साल हर यात्री पर होगा करीब 600 रुपये का लाभ
क्या है खबर?
दुनिया में भी हवाई यात्रा करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिस पर वैश्विक एयरलाइंस संघ IATA के महानिदेशक विली वॉल्श ने खुशी जाहिर की है।
वह भारत में 42 साल बाद हो रही IATA की सालाना बैठक में बोल रहे थे।
उन्होंने बताया कि उड़ानों की लागत एक दशक पहले से 40 प्रतिशत कम हो गई है और इस साल प्रति यात्री औसतन 7.20 डॉलर (लगभग 600 रुपये) का शुद्ध लाभ होने का अनुमान है।
कमाई
कमाई बढ़ी लेकिन आपूर्ति में रुकावट
IATA ने अनुमान जताया है कि एयरलाइन कंपनियां इस साल 979 अरब डॉलर (लगभग 83,600 अरब रुपये) की कमाई करेंगी, जिसमें 36 अरब डॉलर (लगभग 3,000 अरब रुपये) का मुनाफा होगा।
हालांकि, वॉल्श ने बताया कि सप्लाई चेन की दिक्कतों के कारण इस सेक्टर का विकास धीमा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि एयरलाइन इंडस्ट्री 3.9 प्रतिशत ग्लोबल GDP में योगदान करती है और 8.65 करोड़ लोगों को रोजगार देती है, लेकिन उतना मुनाफा नहीं हो रहा जितना होना चाहिए।
डिलीवरी
विमानों की डिलीवरी में लंबा इंतजार
वॉल्श ने कहा कि विमान बनाने वाली कंपनियां उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रहीं।
उन्होंने बताया कि 17,000 विमानों की डिलीवरी बाकी है और एक ऑर्डर के लिए 14 साल तक इंतजार करना पड़ सकता है। 2025 की डिलीवरी अब 26 प्रतिशत कम रह गई है।
करीब 1,100 विमान 10 साल से कम उम्र के हैं, लेकिन फिर भी भंडारण में पड़े हैं। इससे एयरलाइनों की आमदनी पर असर हो रहा है और किराया, मेंटेनेंस और लीज खर्च बढ़ा है।
सुरक्षा
सुरक्षा रिपोर्ट और नियमों पर चिंता
बीते 6 सालों में हुई हादसों में से आधी से कम की अंतिम रिपोर्ट जारी हुई है, जिससे सुरक्षा सुधार के मौके चूक रहे हैं।
पिछले साल 4.8 अरब यात्रियों में 244 की जान गई और 7 घातक दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। उन्होंने कहा कि 2 नागरिक विमान संघर्ष क्षेत्रों में गिराए गए और कई एयरपोर्ट सैन्य हमलों में प्रभावित हुए।
उन्होंने खराब नियमों और राजनीतिक दखल पर भी चिंता जताई जो विमानन की विकास राह रोक सकते हैं।